वहीं दोनों देशों के बीच सीधी उड़ान के मामले के मद्देनजर दोनों देशों की टेक्निकल ऑथोरिटी मिलकर फ्रेमवर्क को तय करेगी। इसके साथ ही दोनों पक्षों ने ट्रांस बॉर्डर नदियों के डेटा को लेकर भी विशेषज्ञों की ओर से होने वाली चर्चा को जल्द शुरू करने पर सहमति बनाई है। चीन और भारत के बीच मीडिया और थिंक टैंक के विचारों के आदान-प्रदान के साथ पीपल टू पीपल कनेक्टिविटी को प्रोमोट करने पर भी सहमति बनी। भारत और चीन ने माना कि दोनों देशों के बीच के बातचीत के मैकेनिज्म को धीरे-धीरे कायम रखना चाहिए। इससे कि एक-दूसरे की चिंतओं और हितों के मामलों को समझा जा सके।
इससे पहले मिस्री ने चीन के विदेश मंत्री वांग यी से भी मुलाकात की। चीनी विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान में वांग यी ने कहा कि कजान में राष्ट्रपति शी जिनपिंग और पीएम मोदी के बीच हुई बैठक के बाद दोनों देशों की ओर से सहमति को सफलतापूर्वक तरीके से अंजाम दिया गया है। दोनों देशों के बीच सभी स्तरों पर हुई बातचीत की वजह से रिश्तों की बेहतरी की गति तेज से हुई है।
चीन-भारत संबंधों में सुधार पर जोर
यी ने आगे कहा कि दोनों पक्षों को मौके का फायदा उठाना चाहिए। एक-दूसरे से मुलाकात करनी चाहिए, ज्यादा ठोस उपाय तलाशने चाहिए, और एक-दूसरे पर शक और एक दूसरे से अलगाव के बजाय आपसी समझ आपसी समर्थन को लेकर प्रतिबद्धता दिखानी चाहिए। उन्होंने कहा कि चीन-भारत संबंधों में सुधार दोनों देशों और उनके मौलिक हितों के लिए तो जरूरी है ही इसके साथ ही ये ग्लोबल साउथ देशों के वैध अधिकारों और हितों के लिए भी जरूरी है।
डिप्लोमैटिक रिश्तों की 75वीं वर्षगांठ
साल 2025 में दोनों देशों के डिप्लोमैटिक रिश्तों की 75वीं वर्षगांठ है। ऐसे में दोनों देशों ने माना कि इस मौके को पब्लिक डिप्लोमैटिक कोशिशों को तौर पर इस्तेमाल करने की जरूरत है। इससे दोनों देशों के लोग एक दूसरे के बारे में ज्यादा जान पाएं और आपसी विश्वास कायम हो। इस बात पर भी सहमति बनी इस वर्षगांठ को मनाने के लिए दोनों देशों की ओर से कई तरह की गतिविधियां भी की जाएगी।