scriptआधार से लिंक होंगे वाहनों के RC और DL, अब चालान से नहीं बच सकेंगे ट्रैफिक नियम तोड़ने वाले चालक | RC and driving license of vehicles will be linked to Aadhaar, now drivers breaking traffic rules will not be able to escape challan | Patrika News
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आधार से लिंक होंगे वाहनों के RC और DL, अब चालान से नहीं बच सकेंगे ट्रैफिक नियम तोड़ने वाले चालक

Ministry of Road Transport: अधिकारियों ने कहा ट्रैफिक नियम तोड़ने वाले कई लोग लगाया गया जुर्माना नहीं भर रहे हैं। यातायात नियमों का उल्लंघन करने वाले लोगों पर नजर रखने के लिए एक सख्त निगरानी तंत्र की आवश्यकता है।

भारतJan 29, 2025 / 08:53 pm

Ashib Khan

Vehicle Registration
Traffic Rules: ट्रैफिक नियम तोड़ने वालों के लिए अपना मोबाइल नंबर या पता बदलकर जुर्माने से बचने के दिन खत्म होने वाले हैं, क्योंकि जल्द ही वाहन पंजीकरण (आरसी) और ड्राइविंग लाइसेंस (डीएल) को आधार से लिंक कराने की तैयारी है। सड़क परिवहन मंत्रालय वाहन मालिकों और ड्राइविंग लाइसेंस धारकों के लिए अपना आधार से लिंक्ड एड्रेस (पता), मोबाइल नंबर और अन्य विवरण अपडेट करना अनिवार्य करने के लिए एक नया नियम लाने पर विचार कर रहा है। यानी अगर आपके पास कार, बाइक या कोई भी मोटर वाहन है, तो सरकार जल्द ही आपसे अपने एड्रेस डिटेल अपडेट करने और उन्हें आधार से लिंक करने के लिए कह सकती है। इससे चालान कटने पर वाहन मालिक और चालक का पता आसानी से मिल जाएगा। 

इसलिए आ रहा नया नियम 

मंत्रालय इसे मोटर वाहन अधिनियम में प्रस्तावित संशोधनों का हिस्सा बनाने पर विचार कर रहा है। सरकार के इस कदम का उद्देश्य सड़क पर वाहन नियमों का उल्लंघन करने वालों पर लगाम लगाना है। अधिकारियों ने कहा ट्रैफिक नियम तोड़ने वाले कई लोग लगाया गया जुर्माना नहीं भर रहे हैं। यातायात नियमों का उल्लंघन करने वाले लोगों पर नजर रखने के लिए एक सख्त निगरानी तंत्र की आवश्यकता है। देखा गया है कि जुर्माने और कार्रवाई से बचने के लिए लोग मोबाइल नंबर बदल लेते है या फिर नए ड्राइविंग लाइसेंस के लिए आवेदन कर देते है। कार्रवाई बचने के इन आसान तरीकों पर लगाम लगाने के लिए इस बदलाव पर विचार किया जा रहा है। 

12,000 करोड़ रुपए के चालान लंबित 

केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय की रिपोर्ट के मुताबिक, परिवहन विभाग ने नियम तोड़ने वाले लोगों को जो चालान जारी किए हैं, उनमें से 12,000 करोड़ रुपए से अधिक के ई-चालान का भुगतान नहीं किया गया है। इस विफलता की मुख्य वजह यह है कि जिस डेटाबेस से परिवहन विभाग ई-चालान प्रणाली को चला रहा है, वह सही नहीं है। इनमें लोगों के पते और मोबाइल नंबर नियमित रूप से अपडेट नहीं होते हैं। 

कुछ लाइसेंस दशकों पुराने 

परिवहन विभाग के डेटाबेस में 60, 70 और 90 के दशक की गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन और ड्राइविंग लाइसेंस भरे पड़े हैं। इनमें से कई रिकॉर्ड में मोबाइल नंबर, आधार लिंक या अपडेट किए गए पते नहीं हैं। सही जानकारी न होने के कारण यातायात नियमों को लागू करने में मुश्किल हो रही है। परिवहन विभाग का कहना है कि सारथी और वाहन डेटाबेस पर कुछ ड्राइविंग लाइसेंस और आरसी कई दशक पुराने हो सकते हैं। विभाग अब ऐसी व्यवस्था के बारे में विचार कर रहा है जहां वाहन मालिकों या लाइसेंस धारकों के लिए अपना विवरण अपडेट करना अनिवार्य हो जाए। 

यह होगा असर

विभाग का कहना है कि आधार लिंक होने से एजेंसियों को यह जानने में मदद मिलेगी कि चालान या जुर्माना वसूलने के लिए किससे और कहां संपर्क करना है। अगर एक निश्चित समय के बाद ई-चालान जुर्माना अदा नहीं किया जाता है, तो आरसी या डीएल अमान्य, रद्द या निलंबित किया जा सकता है।

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