संविधान में दो पद सर्वोच्च
उपराष्ट्रपति धनखड़ ने कहा कि हमारे संविधान में दो पदों को सर्वोच्च माना जाता है वे हैं- राष्ट्रपति और राज्यपाल। ये पद संविधान को संरक्षित, सुरक्षित और बनाए रखने के लिए हैं। मेरे विचार से ऐसे गरिमापूर्ण पदों के बारे में टिप्पणी करना गहन चिंतन की मांग करता है।
न्यायपालिका के क्षेत्र में 40 साल तक किया काम
उन्होंने कहा कि न्यायपालिका के प्रति मेरे मन में बहुत सम्मान है। मैंने इस क्षेत्र में 40 साल तक काम किया है। हमारे जज सर्वश्रेष्ठ जजों में से हैं। लेकिन मैं अपील करता हूं कि हमें सहयोग और समन्वय के साथ मिलकर काम करना चाहिए। धनखड़ ने कहा कि संविधान समन्वय, भागीदारी, विचार-विमर्श, संवाद और बहस का आह्वान करता है।
‘विधायिका कानूनी निर्णय नहीं दे सकती’
उपराष्ट्रपति ने कहा कि जिस तरह विधायिका कानूनी निर्णय नहीं दे सकती, जो कि न्यायपालिका का क्षेत्र है। उसी तरह, न्यायपालिका को भी इससे बचना चाहिए। उन्होंने अभिव्यक्ति और बहस की स्वतंत्रता को लोकतंत्र का आवश्यक तत्व बताया, लेकिन साथ ही आगाह भी किया कि जब कोई व्यक्ति खुद को पूरी तरह से सही मानता है और अन्य को गलत मानता है तो अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता एक विकृति बन जाती है। ‘चुनौतियां मुझे पसंद हैं’ का किया विमोचन
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने लखनऊ में डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल की जीवनी ‘चुनौतियां मुझे पसंद हैं’ का विमोचन किया। इस समारोह में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित थे। वहीं इस दौरान उन्होंने सीएम योगी आदित्यनाथ की तारीफ भी की।