scriptविधायिका फैसले नहीं लिख सकती है, यह काम न्यायपालिका का है, हमारे जज दुनिया में…, जानिए उपराष्ट्रपति ने इस विषय पर क्या-क्या कहा | Amidst the debate between the executive and the judiciary, Vice President Jagdeep Dhankhar said, 'Constitutional limits should be respected' | Patrika News
राष्ट्रीय

विधायिका फैसले नहीं लिख सकती है, यह काम न्यायपालिका का है, हमारे जज दुनिया में…, जानिए उपराष्ट्रपति ने इस विषय पर क्या-क्या कहा

Jagdeep Dhankhar: उपराष्ट्रपति ने कहा न्यायपालिका के प्रति मेरे मन में बहुत सम्मान है। मैंने इस क्षेत्र में 40 साल तक काम किया है। हमारे जज सर्वश्रेष्ठ जजों में से हैं।

भारतMay 01, 2025 / 04:46 pm

Ashib Khan

जगदीप धनखड़ ने ‘चुनौतियां मुझे पसंद हैं’ किताब का किया विमोचन

Jagdeep Dhankhar: उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने एक बार फिर कार्यपालिका और न्यायपालिका के अधिकार की सीमाओं के बीच चल रही बहस पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने संवैधानिक संस्थाओं के लिए अपनी निर्धारित सीमाओं का पालन करने के महत्व को लेकर कहा कि उनके बीच परस्पर सम्मान तभी सुनिश्चित हो सकता है जब प्रत्येक संस्था अपने अधिकार क्षेत्र में रहे। साथ ही उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि संस्थाओं के बीच संघर्ष से लोकतंत्र को बढ़ावा नहीं मिलता।

संविधान में दो पद सर्वोच्च

उपराष्ट्रपति धनखड़ ने कहा कि हमारे संविधान में दो पदों को सर्वोच्च माना जाता है वे हैं- राष्ट्रपति और राज्यपाल। ये पद संविधान को संरक्षित, सुरक्षित और बनाए रखने के लिए हैं। मेरे विचार से ऐसे गरिमापूर्ण पदों के बारे में टिप्पणी करना गहन चिंतन की मांग करता है।

न्यायपालिका के क्षेत्र में 40 साल तक किया काम

उन्होंने कहा कि न्यायपालिका के प्रति मेरे मन में बहुत सम्मान है। मैंने इस क्षेत्र में 40 साल तक काम किया है। हमारे जज सर्वश्रेष्ठ जजों में से हैं। लेकिन मैं अपील करता हूं कि हमें सहयोग और समन्वय के साथ मिलकर काम करना चाहिए। धनखड़ ने कहा कि संविधान समन्वय, भागीदारी, विचार-विमर्श, संवाद और बहस का आह्वान करता है।

‘विधायिका कानूनी निर्णय नहीं दे सकती’

उपराष्ट्रपति ने कहा कि जिस तरह विधायिका कानूनी निर्णय नहीं दे सकती, जो कि न्यायपालिका का क्षेत्र है। उसी तरह, न्यायपालिका को भी इससे बचना चाहिए। उन्होंने अभिव्यक्ति और बहस की स्वतंत्रता को लोकतंत्र का आवश्यक तत्व बताया, लेकिन साथ ही आगाह भी किया कि जब कोई व्यक्ति खुद को पूरी तरह से सही मानता है और अन्य को गलत मानता है तो अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता एक विकृति बन जाती है। 
यह भी पढ़ें

जाति जनगणना पर राहुल गांधी का सरकार को पूरा सपोर्ट, केंद्र के सामने रखी ये 4 मांग

‘चुनौतियां मुझे पसंद हैं’ का किया विमोचन

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने लखनऊ में डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम  प्राविधिक विश्वविद्यालय में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल की जीवनी ‘चुनौतियां मुझे पसंद हैं’ का विमोचन किया। इस समारोह में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित थे। वहीं इस दौरान उन्होंने सीएम योगी आदित्यनाथ की तारीफ भी की। 

Hindi News / National News / विधायिका फैसले नहीं लिख सकती है, यह काम न्यायपालिका का है, हमारे जज दुनिया में…, जानिए उपराष्ट्रपति ने इस विषय पर क्या-क्या कहा

ट्रेंडिंग वीडियो