कैसे शुरू हुआ विवाद?
12 मई को संस्थान में फ्रेशर्स प्रोग्राम था। उसी दिन मुख्य द्वार पर प्रथम वर्ष और तृतीय वर्ष के छात्रों के बीच कहासुनी हो गई। रात करीब 9 बजे जब कुछ जूनियर छात्र कैंपस के मुख्य गेट से अंदर घुसे, तो तनाव और बढ़ गया। सीनियर्स द्वारा बनाए गए नियमों के मुताबिक प्रथम वर्ष के छात्र मुख्य गेट का इस्तेमाल नहीं कर सकते। झगड़े के बाद प्रथम वर्ष के छात्रों ने अपने स्थानीय दोस्तों को बुला लिया। जवाब में, सीनियर छात्र हथियारों से लैस होकर हॉस्टल पहुंच गए। उन्होंने सी-विंग के कमरों और मेस में तोड़फोड़ की। लैपटॉप, फर्नीचर और अन्य निजी सामान क्षतिग्रस्त हो गए। इस दौरान कई छात्र भोजन कर रहे थे, उनकी अंधाधुंध पिटाई की गई।
एक छात्र ने बताया, “उन्होंने यह नहीं देखा कि कौन जूनियर है और कौन सीनियर, सबको पीटा। मैं कमरे में फर्नीचर लगाकर छिप गया और आधी रात के बाद भाग कर जान बचाई।”
डर के कारण एक छात्र पहली मंजिल से कूद गया। एम्बुलेंस बुलाई गई और कई छात्रों का प्राथमिक इलाज कैंपस में ही किया गया।
पुलिस और संस्थान की प्रतिक्रिया
सिंदरी थाना प्रभारी संजय कुमार ने बताया कि मामले की शिकायत दर्ज कर ली गई है, लेकिन अब तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है। जांच जारी है। कैंपस में पहले से ही एक स्थायी पुलिस चौकी बनी हुई है। चौकी प्रभारी रवि कुमार के मुताबिक, संस्थान के निदेशक ने पांच नामित छात्रों के खिलाफ शिकायत दी है, जिनमें चार प्रथम वर्ष और एक तृतीय वर्ष का छात्र शामिल है। अन्य आरोपी अभी अज्ञात हैं।
धमकियां और अनुशासन के नाम पर दबाव
प्रथम वर्ष के कई छात्रों को अज्ञात नंबरों से धमकी भरे मैसेज मिल रहे हैं, जिनमें कहा गया है, “हैलो जूनियर्स… छुट्टियों के बाद असली डिसिप्लिन दिखेगा, अभी तक तुमने रैगिंग का मतलब नहीं जाना।” छात्रों के अनुसार, जूनियर्स को छुट्टियों के बहाने ‘वोकेशनल ब्रेक’ पर भेज दिया गया है। वहीं, निदेशक पंकज राय ने बताया कि जांच के लिए चीफ़ वार्डन के नेतृत्व में एक समिति बनाई गई है। उन्होंने यह भी कहा कि हालांकि जूनियर्स द्वारा बाहरी लोगों को बुलाना गलत था, लेकिन हॉस्टल और मेस में हुई मुख्य तोड़फोड़ सीनियर्स द्वारा की गई थी।
‘अनाधिकारिक नियमों’ का डर
छात्रों का कहना है कि कैंपस में कई ;अनाधिकारिक नियम’ चलन में हैं, जैसे जूनियर्स को मुख्य गेट, कैफेटेरिया और कुछ सड़कों का उपयोग न करने देना, बेल्ट या स्लीपर पहनने पर रोक, आस्तीन चढ़ाने या छात्राओं से बात करने पर भी पाबंदी है। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज सुरक्षित कर लिए हैं। दोषियों की पहचान के बाद सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।