Baba Vanga ने शुभांशु शुक्ला के अंतरिक्ष मिशन की कई सालों पहले कर दी थी भविष्याणी, जानें क्या कहा था
Baba Vanga Predictions: शुभांशु शुक्ला का यह मिशन भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो 1984 में राकेश शर्मा की ऐतिहासिक उड़ान के बाद दूसरा बड़ा अवसर है।
Baba Vanga ने अंतरिक्ष को लेकर की ये भविष्यवाणी (Photo- IANS)
Baba Vanga Predictions: भारतीय वायु सेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला (Shubhanshu Shukla) अंतरिक्ष अन्वेषण के क्षेत्र में भारत का नाम रोशन करने जा रहे हैं। वे नासा और इसरो के संयुक्त मिशन, एक्सिओम-4 (Ax-4) के तहत मंगलवार को आईएसएस की यात्रा करेंगे। वहीं बाबा वेंगा ने इसको लेकर कई सालों पहले भविष्यवाणी (predictions) की थी। अंतरिक्ष मिशन और परग्रही जीवन के साथ संपर्क की संभावना 2025 के लिए दो विशेष रूप से रोचक भविष्यवाणियां हैं।
रिपोर्ट्स के अनुसार, बाबा वेंगा ने संभावना व्यक्त की थी कि मानव परग्रही जीवन के प्रमाण पा सकते हैं या पृथ्वी से परे प्राणियों के साथ संचार कर सकते हैं। उनकी यह भविष्यवाणी अंतरिक्ष अन्वेषण, मंगल मिशनों और रहने योग्य ग्रहों की खोज में बढ़ते निवेश के संदर्भ में उत्साह और रुचि जगाती है। हालांकि, यह एक चेतावनी भी देती है कि ऐसे खुलासों के अप्रत्याशित परिणाम हो सकते हैं।
अंतरिक्ष कार्यक्रम में महत्वपूर्ण कदम
दरअसल, शुभांशु शुक्ला का यह मिशन भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो 1984 में राकेश शर्मा की ऐतिहासिक उड़ान के बाद दूसरा बड़ा अवसर है।
पायलट की भूमिका निभाएंगे शुभाशु
एक्सिओम-4 मिशन में शुभांशु पायलट की भूमिका निभाएंगे, जिसमें कमांडर पैगी व्हिटसन (अमेरिका), स्लावोस उज्नांस्की (पोलैंड) और टिबोर कापू (हंगरी) शामिल हैं। यह 14-दिवसीय मिशन फ्लोरिडा के कैनेडी स्पेस सेंटर से स्पेसएक्स के फाल्कन-9 रॉकेट और ड्रैगन अंतरिक्ष यान के माध्यम से लॉन्च होगा। इस दौरान शुभांशु सात भारतीय और पांच नासा प्रयोग करेंगे, जिनमें पौधों के बीज, सूक्ष्मजीवों (टार्डिग्रेड्स), और माइक्रोग्रैविटी के मानव शरीर पर प्रभाव से संबंधित अध्ययन शामिल हैं। ये प्रयोग गगनयान मिशन की तैयारी में महत्वपूर्ण होंगे।
बता दें कि शुभांशु शुक्ला का जन्म 10 अक्टूबर 1985 को लखनऊ, उत्तर प्रदेश में हुआ था। उन्होंने सिटी मॉन्टेसरी स्कूल, अलीगंज से प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त की और 16 वर्ष की आयु में राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (NDA) में चयनित हुए। 2006 में भारतीय वायु सेना में फाइटर पायलट के रूप में शामिल हुए शुभांशु ने Su-30 MKI, MiG-21, MiG-29, जगुआर, हॉक, डोर्नियर और An-32 जैसे विमानों में 2,000 घंटे से अधिक की उड़ान का अनुभव हासिल किया। 2019 में उन्हें इसरो के गगनयान मिशन के लिए चुना गया और रूस के यूरी गगारिन कॉस्मोनॉट ट्रेनिंग सेंटर में कठिन प्रशिक्षण लिया।
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