क्या वे मिया-बहुल क्षेत्रों से डॉक्टरों को भी हटा लेंगे?
अखिल भारतीय यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (AIUDF) के नेता बदरुद्दीन अजमल की पार्टी ने सिंघल के खिलाफ विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव पेश किया, आरोप लगाते हुए कहा कि उनकी बातें सांप्रदायिक बंटवारे और नफरत को भड़का रही हैं। AIUDF विधायक रफीकुल इस्लाम ने सिंघल पर अपने शपथ का उल्लंघन करने का आरोप लगाया, यह सवाल उठाते हुए कि क्या वे मिया-बहुल क्षेत्रों से डॉक्टरों को भी हटा लेंगे। हालांकि, स्पीकर ने प्रस्ताव खारिज कर दिया, यह कहते हुए कि यह मानदंडों पर खरा नहीं है। असम में मुस्लिमों की बड़ी आबादी
मिया समुदाय, जो असम में एक करोड़ से अधिक की आबादी वाला एक बड़ा समूह है, लंबे समय से राजनीतिक और सामाजिक तनाव का शिकार रहा है, खासकर 1980 के दशक की विदेशी-विरोधी आंदोलन के बाद से। सिंघल की टिप्पणियाँ सांप्रदायिक सौहार्द पर सवाल उठा रही हैं, और आलोचकों का कहना है कि ये समुदाय के लिए सरकारी योजनाओं में भेदभाव का कारण बन सकती हैं। ऑनलाइन वीडियो ने और विवाद को हवा दी, जबकि बीजेपी ने अभी तक चुप्पी साध रखी है।
यह विवाद नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) के संदर्भ में आया है, जहाँ मिया समुदाय अक्सर प्रवासियों के रूप में देखा जाता है। 5 मार्च 2025 तक स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है, और यह असम में सांप्रदायिक सौहार्द और भावी राजनीति पर गहरा असर डाल सकता है।