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Mohammed Shami को मुस्लिम धर्मगुरु ने बताया ‘अपराधी’, रमजान में इस हरकत से हुए नाराज

Mohammed Shami Ramdan Controvery: मोहम्मद शमी की चचेरी बहन मुमताज ने मीडिया से बात करते हुए कहा, ‘वह देश के लिए खेल रहे हैं। कई पाकिस्तानी खिलाड़ी हैं जिन्होंने रोजा नहीं रखा है।’

भारतMar 06, 2025 / 08:17 pm

Akash Sharma

Maulana Shahabuddin Razvi Bareilvi and Mohammed Shami

Maulana Shahabuddin Razvi Bareilvi and Mohammed Shami

Mohammed Shami Ramdan Controvery: अखिल भारतीय मुस्लिम जमात के अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने भारतीय क्रिकेटर मोहम्मद शमी को रमजान के दौरान रोजा नहीं रखने के लिए ‘अपराधी’ करार दिया। इस टिप्पणी के बाद विवाद पैदा हो गया है। दरअसल, रमजान के दौरान 34 वर्षीय खिलाड़ी को मंगलवार को दुबई इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सेमीफाइनल मुकाबले के दौरान एनर्जी ड्रिंक पीते देखा गया। जिसका वीडियो देख मौलाना ने यह बयान दिया।

‘रोजा रखना हर मुस्लिम का कर्तव्य है…’

मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने से कहा, “रोजा न रखकर मोहम्मद शमी ने अपराध किया है। उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए। शरीयत की नज़र में वे अपराधी हैं। शमी को खुदा को जवाब देना होगा।” मौलाना शहाबुद्दीन ने आगे कहा, “रोजा रखना हर मुस्लिम का कर्तव्य है.. अगर कोई स्वस्थ महिला या पुरुष रोजा नहीं रखता है, तो वह एक बड़ा अपराधी होगा।’

‘वह देश के लिए…’ शमी के परिवार का बयान आया सामने

दाएं हाथ के तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी की चचेरी बहन मुमताज अपने भाई के समर्थन में सामने आईं और कहा कि वह देश के लिए खेल रहे हैं। मुमताज ने अपने भाई शमी के समर्थन में आकर उन लोगों को शर्मनाक कहा जो क्रिकेटर पर रोजा न रखने का आरोप लगा रहे हैं।
मोहम्मद शमी की चचेरी बहन मुमताज ने मीडिया से बात करते हुए कहा, ‘वह देश के लिए खेल रहे हैं। कई पाकिस्तानी खिलाड़ी हैं जिन्होंने रोजा नहीं रखा है और मैच खेल रहे हैं, इसलिए यह कोई नई बात नहीं है। यह बहुत शर्मनाक है कि उनके बारे में ऐसी बातें कही जा रही हैं। हम मोहम्मद शमी से कहेंगे कि वे इन बातों पर ध्यान न दें और 9 मार्च को होने वाले मैच की तैयारी करें।’

सस्ती लोकप्रियता के लिए दिया गया बयान

हालांकि, मौलाना की टिप्पणी कई लोगों को पसंद नहीं आई। शिया धर्मगुरु मौलाना यासूब अब्बास ने मौलाना की आलोचना करते हुए दावा किया कि यह बयान सस्ती लोकप्रियता के लिए दिया गया है। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने कहा कि चूंकि शमी खेल रहे हैं, इसलिए उनके पास रोजा न रखने का विकल्प है।

‘रोजा और रमजान को विवाद में शामिल करना गलत’


शिया धर्मगुरु मौलाना यासूब अब्बास ने कहा, “बरेली के मौलाना की ओर से दिया गया बयान केवल सस्ती लोकप्रियता के लिए है, जबकि उनका लक्ष्य मोहम्मद शमी पर निशाना साधना है…जहां मजबूरी है, वहां धर्म नहीं है। जहां धर्म है, वहां मजबूरी नहीं है। हर मुसलमान जानता है कि वयस्क होने के बाद उसे रोजा रखना ही है और अगर कोई व्यक्ति रोजा रखने में विफल रहता है, तो यह उसकी व्यक्तिगत विफलता है और इसका समुदाय या धर्म से कोई लेना-देना नहीं है। ऐसे कई लोग हैं जो रमजान के दौरान रोजा नहीं रखते हैं। उन्होंने उनके बारे में कुछ क्यों नहीं कहा? उन्होंने कहा, “रोजा और रमजान को विवाद में शामिल करना गलत है।”
रमज़ान इस्लामी कैलेंडर का सबसे पवित्र महीना है जो हिजरी (इस्लामी चंद्र कैलेंडर) के नौवें महीने में आता है। बता दें कि इस पवित्र अवधि के दौरान मुसलमान सुबह से शाम तक उपवास रखते हैं, जिसे रोज़ा कहा जाता है।

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