Bihar Election 2025: बिहार में कांग्रेस के पतन से RJD का हुआ उदय, जानें राष्ट्रीय पार्टियों का प्रभाव क्यों हुआ कम
Bihar Politics: बिहार में 1985 के चुनाव में किसी दल ने आखिरी बार अपने दम पर सरकार बनाई थी। इसके बाद 8 विधानसभा चुनाव हुए हैं, लेकिन हर बार गठबंधन की सरकार बनी है।
Bihar Election 2025: बिहार में इस साल विधानसभा चुनाव होने है। विधानसभा चुनाव को लेकर सभी पार्टियों ने अपनी-अपनी तैयारी शुरू कर दी है। एनडीए और महागठबंधन के नेताओं का बिहार दौरा भी शुरू हो गया है। बिहार में एनडीए और महागठबंधन को सरकार बनाने के लिए क्षेत्रीय दलों के साथ की जरुरत होती है। दरअसल, बिहार में 1985 के चुनाव में किसी दल ने आखिरी बार अपने दम पर सरकार बनाई थी। इसके बाद 8 विधानसभा चुनाव हुए हैं, लेकिन हर बार गठबंधन की सरकार बनी है।
बिहार में कांग्रेस ने 1985 के चुनाव में 196 सीटें जीती थी और अपने दम पर सरकार बनाई थी। कांग्रेस का यह आखिरी चुनाव था जब कांग्रेस को 100 से ज्यादा सीटें मिली। 1985 में सत्ता में वापसी करने के बाद कांग्रेस ने पांच साल में चार सीएम भी बदले थे। इसके बाद कांग्रेस का बिहार में वर्चस्व भी कम होता गया। बिहार में जाति आधारित राजनीति का उदय होने के बाद कांग्रेस का वर्चस्व भी कम होता गया। क्षेत्रीय दल जैसे राष्ट्रीय जनता दल (RJD), जनता दल (JDU), और लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) ने यादव, मुस्लिम, OBC और दलित समुदायों को अपने वोटबैंक के रूप में संगठित किया। कांग्रेस, जो पहले सभी जातियों को समेटने वाली “कैच-ऑल” पार्टी थी, इस जातिगत ध्रुवीकरण में पिछड़ गई।
पहली बार CM बने लालू
बिहार में 1990 के विधानसभा चुनाव में जनता दल ने 122 सीटें जीती थी, इसके साथ ही जनता दल सबसे बड़ा दल बना। बीजेपी के समर्थन से सत्ता में आया और लालू प्रसाद यादव बिहार के सीएम बने। 1995 तक लालू प्रसाद यादव ने सरकार चलाई। पहली बार किसी गैर-कांग्रेसी ने अपना कार्यकाल पूरा किया था।
जनता दल हुआ कमजोर
हालांकि इसके बाद जनता दल का कमजोर होता गया और 1994 में नीतीश कुमार और जॉर्ज फर्नांडिस ने जनता दल से अलग होकर समता पार्टी बनाई। 1995 के चुनाव में लालू प्रसाद यादव ने जनता दल का नेतृत्व किया और 167 सीटों पर जीत हासिल की। लालू प्रसाद यादव एक बार फिर बिहार के सीएम बने।
1997 में लालू पर लगे चारा घोटाला का आरोप
हालांकि बाद में 1997 में बिहार के सीएम रहते लालू प्रसाद यादव पर चारा घोटाला आरोप लगा था। बाद में लालू प्रसाद यादव ने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया और अपनी पत्नी राबड़ी देवी को बिहार का सीएम बनाया। बाद में लालू ने राष्ट्रीय जनता दल बनाया। इसके बाद से ही बिहार की राजनीति में क्षेत्रीय दलों का दबदबा बढ़ गया।
बिहार में 2000 से 2020 तक 6 विधानसभा चुनाव हो चुके हैं। इन 6 विधानसभा चुनाव में हर बार क्षेत्रीय दलों का दबदबा रहा है। क्षेत्रीय दल या तो किंग बने है या फिर किंगमेकर की भूमिका निभाई है। दरअसल, बिहार में जब से क्षेत्रीय दलों का उदय हुआ है तब से राष्ट्रीय दल पीछे रहे है। यही वजह है कि बिहार में हमेशा क्षेत्रीय पार्टियों के ही सीएम बने हैं।
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