Bihar Election: ये दो दर्जन जातियां जो बदल देती है सत्ता का समीकरण, जानें कौन है सबसे ताकतवर कास्ट
Caste Factor In Bihar Politics: किसी भी राज्य की राजनीति में जाति अहम भूमिका निभाती है। बिहार चुनाव से पहले जातिगत जनगणना की घोषणा कर मोदी सरकार ने मास्टर स्ट्रोक खेला है।
Bihar Election: बिहार में चुनावी सरगर्मियां तेज हो गई है। इसी बीच मोदी सरकार ने देश में जातिगत जनगणना कराने की घोषणा की है। बताया जा रहा है कि बिहार विधानसभा चुनाव से पहले जातिगत जनगणना की घोषणा कर मोदी सरकार ने मास्टर स्ट्रोक खेला है। विपक्ष ने भी कई बार जातिगत जनगणना कराने की मांग की थी। जातिगत जनगणना की घोषणा को विपक्ष अपनी जीत मान रहा है। दरअसल, किसी भी राज्य की राजनीति में जाति अहम भूमिका निभाती है।
बिहार में पांच ऐसी जातियां है जिनके वोट किसी भी प्रत्याशी के हार-जीत को बदलने में सक्षण होता है। ये जातियां- पान या सवासी, कहार या चंद्रवंशी, कुम्हार, नाई और बढ़ई है। प्रदेश में इनकी आबादी डेढ़ से दो प्रतिशत के करीब है। हालांकि इन जातियों का वोटबैंक अलग-अलग विधानसभा में है। यहीं कारण है कि इन जातियों का प्रदेश स्तर पर कोई सर्वमान्य नेता भी नहीं है।
कम होकर भी राजनीति में देती है अधिक दखल
बिहार में राजपूत, भूमिहार, कुर्मी, मुसहर और तेली की आबादी करीब 45 लाख तक है। प्रदेश में इन जातियों से कई बड़े नेता आते है। कुर्मी से नीतीश कुमार, मुसहर से जीतन राम मांझी और भूमिहार से गिरिराज सिंह जैसे नेता आते हैं। बिहार में इन जातियों की आबादी कम होने के बाद भी ये राजनीति में अधिक दखल देती है और इन जातियों ने अपनी संख्या से ज्यादा सत्ता का सुख भोगा है।
जाति
प्रदेश में जाति की ताकत
जाति की आबादी
यादव, अहीर, ग्वाला, घासी, गोप
14.27 प्रतिशत
1 करोड़ 86 लाख
पासवान
5.31 प्रतिशत
69 लाख 43 हजार
मोची, चमार या रविदास
5.26 प्रतिशत
68 लाख 69 हजार
कुशवाहा या कोइरी
4.21 प्रतिशत
55 लाख 6 हजार
ब्राह्मण
3.66 प्रतिशत
47 लाख 81 हजार
राजपूत
3.45 प्रतिशत
45 लाख 10 हजार
मुसहर
3.09 प्रतिशत
40 लाख 35 हजार
कुर्मी
2.88 प्रतिशत
37 लाख 62 हजार
भूमिहार
2.87 प्रतिशत
37 लाख 50 हजार
तेली
2.81 प्रतिशत
36 लाख 37 हजार
मल्लाह
2.61 प्रतिशत
34 लाख 10 हजार
वैश्य
2.32 प्रतिशत
30 लाख 96 हजार
कानू
2.21 प्रतिशत
28 लाख 92 हजार
धानुक
2.14 प्रतिशत
27 लाख 96 हजार
नोनिया
1.91 प्रतिशत
24 लाख 98 हजार
पान या सवासी
1.70 प्रतिशत
22 लाख 28 हजार
कहार या चंद्रवंशी
1.65 प्रतिशत
21 लाख 55 हजार
नाई
1.59 प्रतिशत
20 लाख 82 हजार
बढ़ई
1.45 प्रतिशत
18 लाख 95 हजार
कुम्हार
1.40 प्रतिशत
18 लाख 34 हजार
पासी
0.99 प्रतिशत
12 लाख 88 हजार
बिंद
0.98 प्रतिशत
12 लाख 85 हजार
कुल्हैया
0.96 प्रतिशत
12 लाख 53 हजार
भूइया
0.90 प्रतिशत
11 लाख 74 हजार
धोबी
0.84 प्रतिशत
10 लाख 96 हजार
इन जातियों का है वर्चस्व
बिहार में ब्राह्मण, यादव, चमार, कुशवाहा और पासवान जातियां राजनीति की दिशा तय करती है। इन जातियों से कई बड़े नेता निकले है। यादव समाज से राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता लालू प्रसाद यादव और उनके बेटे तेजस्वी यादव प्रमुख चेहरों में से हैं। यादव समाज RJD का पारंपरिक वोट बैंक माना जाता है।
वहीं ब्रह्मण समुदाय से जनसुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर, RJD के मनोज झा, JDU के संजय कुमार झा और BJP के मंगल पांडेय जैसे चेहरे आते हैं। वहीं कुशवाहा समाज से उपेंद्र कुशवाहा और सम्राट चौधरी सरीखे जैसे चेहरे हैं। पासवान समाज से चिराग पासवान जैसे चेहरे हैं।
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