नागेंद्रन प्रदेश अध्यक्ष, दिल्ली में दिखेंगे अन्नामलै
एआईएडीएमके के साथ कटु रिश्ते रखने और जातीय समीकरणों में फिट न बैठने के कारण भाजपा ने तेजतर्रार प्रदेश अध्यक्ष साबित होने के बावजूद अन्नामलै की जगह नैनार नागेंद्रन को प्रदेश प्रमुख की जिम्मेदारी सौंपी है। विधायक नागेन्द्रन पहले एआइएडीएमके में थे और जयललिता के निधन के बाद वे भाजपा में शामिल हुए थे। सूत्रों के मुताबिक, एआइएडीएमके महासचिव पलानीस्वामी और अन्नामलै दोनों एक ही गौंडर जाति से रहे, इसलिए पार्टी ने दूसरे प्रभावशाली थेवर समुदाय से आने वाले नागेंद्रन को प्रदेश अध्यक्ष बनाकर एनडीए की सोशल इंजीनियरिंग मजबूत की है।14×14 फीट सेल…24-घंटे की निगरानी, कैसे रखा जा रहा है तहव्वुर राणा को?
इसलिए गठबंधन को हुए मजबूर
2024 के लोकसभा चुनाव से पहले गठबंधन टूट जाने की कीमत दोनों दलों को शून्य सीट पाकर चुकानी पड़ती थी। एआईएडीएमके को 23 और भाजपा को 18 प्रतिशत वोट मिले थे। दोनों दल मिलाकर 41.33 प्रतिशत वोट पाने में सफल रहे थे, जबकि सत्ताधारी डीएमके नेतृत्व इंडिया गठबंधन सिर्फ 5 प्रतिशत अधिक 46.97 प्रतिशत वोट हासिल कर सभी 39 सीटें जीतने में सफल रहा था।बिहार चुनाव से पहले इंडिया गठबंधन में दरार! सचिन पायलट ने तेजस्वी यादव को लेकर दिया बड़ा बयान
अगर भाजपा और एआईडीएमके मिलकर लड़ते तो 12 सीटों पर संभावनाएं बन सकतीं थीं। भाजपा को लगा कि अकेले लड़ने पर उसे राज्य की सत्ता में आने में लंबा इंतजार करना पड़ेगा। सत्ताधारी डीएमके हिंदी, हिंदुत्व और उत्तर बनाम दक्षिण भारत के नैरेटिव के जवाब में भाजपा नेतृत्व को लगा कि एआईएडीएमके की सत्ता और उसमें भाजपा की भागीदारी जरूरी है।