जस्टिस वर्मा केस में हुआ एक और खुलासा, घर के बाहर मिले जले नोट, सफाईकर्मी ने किया खुलासा, देखें वीडियो
Justice Yashwant Verma: सफाई कर्मचारी इंद्रजीत ने बताया कि हम 4-5 दिन पहले कूड़ा इकट्ठा कर रहे थे। हमें 500 रुपए के जले हुए नोटों के 1-2 छोटे टुकड़े मिले। एक अन्य सफाई कर्मचारी सुरेंद्र ने कहा कि हमें 4-5 दिन पहले जले हुए नोट मिले थे।
Justice Yashwant Verma Cash Case: दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस यशवंत वर्मा के आवास पर आग में जले नोटों के बंडलों के वीडियो और फोटो सामने आने के बाद नए खुलासे होने लगे हैं। उनके घर के बाहर सफाई करने वाले नई दिल्ली नगर पालिका परिषद (एनडीएमसी) के कर्मचारियों का कहना है कि उन्हें 4-5 दिन पहले 500-500 रुपए के अधजले नोट मिले। नोट सड़क पर बिखरे पत्तों के बीच पड़े थे।
इलाके के सफाई कर्मचारी इंद्रजीत ने बताया कि हम 4-5 दिन पहले कूड़ा इकट्ठा कर रहे थे। हमें 500 रुपए के जले हुए नोटों के 1-2 छोटे टुकड़े मिले। एक अन्य सफाई कर्मचारी सुरेंद्र ने कहा कि हमें 4-5 दिन पहले जले हुए नोट मिले थे।
#WATCH | Delhi: Burnt debris seen near the residence of Delhi High Court judge Justice Yashwant Varma. pic.twitter.com/PTI4vCVXY5
सीजेआई के आदेश के बाद दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली पुलिस से जस्टिस वर्मा के आधिकारिक कर्मचारियों, निजी सुरक्षा अधिकारियों और पिछले छह माह के दौरान उनके आवास पर तैनात सुरक्षा गार्डों का विवरण मांगा है। छह माह के जस्टिस वर्मा के आधिकारिक या अन्य मोबाइल फोन नंबरों की कॉल डिटेल उपलब्ध कराने को भी कहा गया है।
14 मार्च को घर पर लगी थी आग
बता दें कि होली के दिन 14 मार्च को उनके घर में आग लग गई थी। फायर सर्विस की टीम उसे बुझाने गई तो स्टोर रूम में बोरियों में भरे 500-500 रुपए के अधजले नोट मिले। सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार रात जस्टिस वर्मा के घर से मिले अधजले नोटों के वीडियो, फोटो और जांच रिपोर्ट सार्वजनिक कर दी थी।
#WATCH | A sanitation worker, Inderjeet says, "We work in this circle. We collect garbage from the roads. We were cleaning here 4-5 days back and collecting garbage when we found some small pieces of burnt Rs 500 notes. We found it that day. Now, we have found 1-2 pieces…We do… pic.twitter.com/qnLjnYvnfe
बीजेपी नेता और मशहूर वकील वकील उज्जवल निकम ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने पूरा मामला सार्वजनिक कर पारदर्शी काम किया है। मामले की पूरी तरह जांच होनी चाहिए। आम आदमी का विश्वास बना रहे, इसके लिए जस्टिस यशवंत वर्मा को खुद इस्तीफा दे देना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता और भाजपा नेता नलिन कोहली ने कहा कि भ्रष्टाचार को किसी भी रूप में बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए, क्योंकि यह किसी प्रतिष्ठान या संस्था की विश्वसनीयता को कम करता है।
इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल तिवारी ने कहा कि जस्टिस वर्मा के मामले की जांच इन-हाउस कमेटी से नहीं, बल्कि सीबीआई या ईडी से होनी चाहिए। अरविंद केजरीवाल को सीएम रहते जेल भेज दिया गया था। उन्हें आपराधिक मामलों में सुरक्षा नहीं दी गई। फिर जस्टिस वर्मा को विशेष सुविधा क्यों दी जा रही है? उनके साथ भी ऐसा ही व्यवहार किया जाना चाहिए।
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