रील में क्या दिखाना है?
- स्वच्छता और जल संरक्षण की कहानी: आपको ऐसी रील बनानी होगी, जो गाँव में स्वच्छता और जल प्रबंधन के महत्व को दर्शाए।
- मिशन का प्रभाव: रील में यह दिखाना होगा कि जल जीवन मिशन और स्वच्छ भारत मिशन ने ग्रामीण समुदायों के जीवन को कैसे बेहतर बनाया है।
- जीवन पर असर: गाँव की अर्थव्यवस्था, आजीविका, पर्यावरण, कृषि और स्वास्थ्य पर इन योजनाओं के सकारात्मक प्रभाव को उजागर करें।
- स्थानीय कहानियाँ: अपने आसपास के गाँव की स्वच्छता और जल संरक्षण की कहानियों को रचनात्मक तरीके से पेश करें।
प्रतियोगिता के नियम
- रील की अवधि: वीडियो 90 से 150 सेकंड का होना चाहिए।
- फॉर्मेट: वीडियो MP4, AVI या MOV फॉर्मेट में होना चाहिए, न्यूनतम 720p रिजॉल्यूशन के साथ।
- भाषा: रील हिंदी या अंग्रेजी में हो सकती है। अगर क्षेत्रीय भाषा में बनाई जा रही है, तो सबटाइटल्स अनिवार्य हैं।
- अपलोड प्रक्रिया: रील को आधिकारिक वेबसाइट www.mygov.gov.in पर दिए गए लिंक पर अपलोड करना होगा।
- प्रतियोगिता की समयसीमा: रील 30 अप्रैल तक अपलोड की जा सकती हैं।
इनाम और चयन प्रक्रिया
- हर महीने देशभर से टॉप 5 रील्स का चयन किया जाएगा।
- प्रत्येक विजेता को 5000 रुपये का नकद पुरस्कार दिया जाएगा।
- जिले से केवल एक श्रेष्ठ रील का चयन होगा, जिसे सम्मानित किया जाएगा।
- रील्स का मूल्यांकन उनकी रचनात्मकता, संदेश की स्पष्टता और प्रभाव के आधार पर होगा।
कैसे करें आवेदन?
- अपने गाँव की स्वच्छता और जल संरक्षण से जुड़ी रील बनाएं।
- वीडियो को निर्धारित फॉर्मेट और समयसीमा के अनुसार तैयार करें।
- आधिकारिक वेबसाइट www.mygov.gov.in/task/swachh-sujal-gaon-reel-making-competition पर जाकर रजिस्ट्रेशन करें और रील अपलोड करें।
- सुनिश्चित करें कि रील में संदेश स्पष्ट और प्रेरणादायक हो।
क्यों है यह मौका खास?
- आर्थिक लाभ: रील बनाकर न सिर्फ आप पुरस्कार जीत सकते हैं, बल्कि सोशल मीडिया पर अपनी पहचान भी बना सकते हैं।
- सामाजिक योगदान: यह एक मौका है अपने गाँव की कहानी देश तक पहुँचाने और स्वच्छता के प्रति लोगों को प्रेरित करने का।
- सहज प्रक्रिया: मोबाइल फोन से रील बनाकर आसानी से अपलोड की जा सकती है।
योजना का उद्देश्य
केंद्र सरकार के जल शक्ति मंत्रालय ने ग्रामीण इलाकों में स्वच्छता, पेयजल और जल संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए यह प्रतियोगिता शुरू की है। इस पहल का लक्ष्य है लोगों को स्वच्छता और जल प्रबंधन के प्रति जागरूक करना और गाँवों को स्वच्छ व सुजल बनाने की दिशा में प्रेरित करना।