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ऑक्सफोर्ड में पढ़ रहे भारतीय छात्रों को CJI बीआर गवई ने दिलाई देश की याद, कर दी भावुक अपील

भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआइ) बीआर गवई ने लंदन में स्थित ऑक्सफोर्ड और कैम्ब्रिज जैसे ब्रिटिश विश्वविद्यालयों में पढ़ रहे भारतीय छात्रों से पढ़ाई खत्म होने के बाद भावुक अपील की है। उन्होंने कहा कि पढ़ाई पूरी होने के बाद छात्र देश लौटें और देश की विकास में योगदान दें।

भारतJun 12, 2025 / 10:29 am

Pushpankar Piyush

CJI ने कहा- जजों का स्वतंत्र रहना जरूरी (Photo-ANI)

भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआइ) बीआर गवई ने लंदन में स्थित ऑक्सफोर्ड और कैम्ब्रिज जैसे ब्रिटिश विश्वविद्यालयों में पढ़ रहे भारतीय छात्रों से बड़ी अपील की है। उन्होंने भारतीय छात्रों से कहा कि पढ़ाई पूरी करने के बाद वह भारत आएं। गवई ने कहा कि आपसे बस यही अपील है कि पढ़ाई पूरी करने के बाद आप यहां न रहें। भारत वापस आएं। अपने भारत को मजबूत बनाने और पूरी दुनिया में सबसे महत्त्वपूर्ण शक्तियों में से एक बनाने के लिए अपनी सेवाएं दें। भारत को आपकी जरूरत है, उस जरूरत को पूरा करें।
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देश को आपकी जरूरत है

CJI गवई ने ऑक्सफोर्ड के ट्रिनिटी कॉलेज में भारतीय छात्रों से कहा कि इससे पहले वे कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी भी गए थे। उन्होंने कहा कि मुझे विभिन्न विषयों का अध्ययन करने वाले छात्रों से मिलकर बहुत खुशी हुई। एक युवक ने प्राचीन ग्रंथों और धार्मिक संस्थाओं में समानता पर पुस्तक और शोध प्रस्तुत किया। मुझे यह जानकर आश्चर्य हुआ कि ऐसी अवधारणा भी मौजूद है। मैं बस इतना ही कह सकता हूं कि आप सभी देश का भविष्य हैं और देश को आपकी भी जरूरत है।

न्यायिक समीक्षा को न्यायिक एक्टिविजम में बदलना गलत

चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया ने ऑक्सफोर्ड यूनियन के एक कार्यक्रम में कहा कि ज्यूडिशियल एक्टिविज्म को ज्यूडिशियल टेररिज्म में नहीं बदलना चाहिए। उस शक्ति (न्यायिक समीक्षा) का प्रयोग बहुत ही सीमित क्षेत्र में, बहुत ही अपवाद स्वरूप किया जाना चाहिए। यदि कोई कानून संविधान के मूल ढांचे का उल्लंघन करता है या यह संविधान के मौलिक अधिकार के साथ सीधे टकराव में है या यदि कानून बहुत ही मनमाना, भेदभावपूर्ण है, तो अदालतें इसका प्रयोग कर सकती हैं, और अदालतों ने ऐसा किया है।

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