10 ग्राम 24 कैरेट सोने की कीमत में शुक्रवार को इजाफा हुआ। IANS
गृहणियां सोने के दाम कुछ घटने से राहत की सांस ले ही रही थीं। अर्थशास्त्री कच्चे तेल के दामों में और कमी की उम्मीद कर रहे थे। शेयर बाजार के निवेशक मुनाफा कमा रहे थे। तभी इजरायल ने ईरान पर मिसाइल से हमला कर दिया और इससे सबकी उम्मीदों पर पानी फिर गया। इससे सेंसेक्स सुबह के कारोबार में 1,300 अंक से ज्यादा गिर गया। निफ्टी भी 24,500 के स्तर से नीचे चला गया। हर तरफ शेयर बेचने की होड़ लग गई। हालांकि बाद में भारतीय शेयर बाजार में अच्छी रिकवरी दिखाई और सेंसेक्स 573 अंक का गिरावट के साथ 81,118 पर बंद हुआ।
मिडिल-ईस्ट टेंशन से सप्लाई चेन प्रभावित होने की आशंका के कारण कच्चे तेल की कीमतें दो महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गईं। ब्रेंट क्रूड 13% से ज्यादा बढ़कर 78.50 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गया। हालांकि बाद में इसमें थोड़ी नरमी आई और 7% की तेजी के साथ यह प्रति बैरल 75 डॉलर पर रहा, जो बुधवार को 66 डॉलर प्रति बैरल पर था। जेपी मॉर्गन के विश्लेषकों ने चेतावनी दी है कि अगर ईरान के निर्यात में कमी आती है तो तेल की कीमत 120 डॉलर तक जा सकती है। भू-राजनीति तनाव बढ़ने से सुरक्षित निवेश के तौर पर सोने की मांग बढ़ी और गोल्ड नए ऑल-टाइम हाई पर जा पहुंचा। एमसीएक्स पर सोना 1,00,403 रुपए की नई ऊंचाई पर पहुंच गया।
तेल, टायर और पेंट स्टॉक्स हुए लाल
तेल की कीमतें बढ़ने से बीपीसीएल, एचपी, आइओसी जैसी कंपनियों के शेयर एक से 3% तक गिरे। तेल महंगा होने से टायर से जुड़े शेयरों में भी 3% तक की गिरावट आई। इसी तरह पेंट स्टॉक्स भी लाल निशान में कारोबार करते नजर आए। पेंट कंपनियों के शेयर 4% तक लुढ़के। हालांकि बाद में इन स्टॉक्स ने तेज रिकवरी की और मामली गिरावट में बंद हुए। वहीं शिपिंग और ड्रोन बनाने वाली कंपनियों के शेयर में जबरदस्त तेजी आई।
रुपया बुरी तरह टूटा!
शुक्रवार को रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 86 के पार चला गया। यह पिछले दो महीनों का सबसे कमजोर स्तर है। रुपया 51 पैसे टूटकर 86.13 पर खुला। खुलने के बाद यह और गिरकर 86.20 तक पहुंच गया। हालांकि 55 पैसे की गिरावट के साथ यह 86.07 के स्तर पर बंद हुआ। फिनरेक्स ट्रेजरी के अनिल भंसाली ने कहा कि मिडल ईस्ट में बढ़ते तनाव की वजह से निवेशकों का जोखिम उठाने का मूड कमजोर हुआ है। इससे रुपया और कमजोर रह सकता है। तनाव के माहौल में निवेशक सुरक्षित विकल्पों की ओर भाग रहे हैं। जापानी येन और स्विस फ्रै की मांग बढ़ी है। रुपए के कमजोर होने से महंगाई बढ़ने का खतरा है।
संकट के हर दौर में सोना इक्विटी-चांदी पर भारी
मिडिल ईस्ट टेंशन बढ़ने से सोना एमसीएक्स पर 1 लाख रुपए के भाव को पार कर गया। सोने में की यह चमक नई नहीं है। वर्ष 2005 से ही यह सबसे भरोसेमंद निवेश विकल्प बना हुआ है। तब से अब तक गोल्ड ने 1,200% से अधिक बढ़त दर्ज की है। केडिया एडवाइजरी की रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2005 से अबतक सेंसेक्स ने 815% और चांदी ने 669% रिटर्न दिया। 2008 में जब सेंसेक्स में 52% गिरावट आई थी, सोना 28.6% मजबूत हुआ। साल 2011 और 2020 के संकट में भी गोल्ड ने बेहतर प्रदर्शन किया, जब बाजार करेक्शन मोड में रहे।
Hindi News / Business / शेयर बाजार से लेकर रुपये तक ने किया निराश पर सोने ने हर बार की तरह बढ़ाया भरोसा, जानिए क्या रहा Gold Rate