तीन साल तक रिपोर्ट दबाने का आरोप
एसीबी के प्रमुख मधुर वर्मा ने प्राथमिकी दर्ज होने की पुष्टि की। उन्होंने कहा, केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) के मुख्य तकनीकी परीक्षक की रिपोर्ट में परियोजना में कई विसंगतियों की ओर इशारा किया गया था और रिपोर्ट को करीब तीन साल तक दबाए रखा गया। सक्षम प्राधिकारी से धारा 17-ए पीओसी अधिनियम के तहत अनुमति मिलने के बाद मामला दर्ज किया गया।
क्लासरूम स्कैम में बढ़ीं आप की मुसीबत
अधिकारियों ने बताया कि कथित तौर पर परियोजना का ठेका आप से जुड़े कुछ ठेकेदारों को दिया गया था। महत्वपूर्ण विचलन और लागत में वृद्धि देखी गई और निर्धारित समय अवधि के भीतर एक भी काम पूरा नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि परियोजना के लिए सलाहकार और वास्तुकार को उचित प्रक्रिया का पालन किए बिना नियुक्त किया गया और उनके माध्यम से लागत में वृद्धि की गई।
मनोज तिवारी ने लगाया था वित्तीय अनियमितताओं का आरोप
आपको बता दें कि भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने 2019 में जोन 23, 24 और 28 के सरकारी स्कूलों में अतिरिक्त कक्षाओं के निर्माण में वित्तीय अनियमितताओं का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज कराई थी। बीजेपी सांसद ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया था कि सरकार ने प्रति कक्षा 28 लाख रुपये खर्च किए, जबकि एक कक्षा के निर्माण में 5 लाख रुपये लगते हैं।