RTI से खुलासा: गाड़ियां तो हैं, ड्राइवर नहीं
RTI एक्टिविस्ट शिव प्रकाश राय की मांग पर मिली जानकारी में पता चला कि बिहार पुलिस में 10,390 स्वीकृत ड्राइवर पदों में से सिर्फ 3,488 पद भरे गए हैं, जबकि पुलिस के पास कुल 9,465 गाड़ियां हैं। मतलब गाड़ियां हैं लेकिन उन्हें चलाने वाले ड्राइवर कम हैं।वायरल वीडियो ने खोली पोल
दिसंबर 2023 में बक्सर के टाउन थाना इंचार्ज संजय कुमार सिन्हा को एक वायरल वीडियो के बाद पुलिस लाइन भेज दिया गया। वीडियो में वे एक प्राइवेट गाड़ी में ट्रक मालिकों से वसूली करते दिखे। आरोप है कि उन्होंने और ड्राइवर ने मिलकर यह काम किया।मुज़फ्फरपुर में 7 पुलिसकर्मी सस्पेंड
अप्रैल 2024 में मुज़फ्फरपुर पुलिस ने 7 कर्मियों को सस्पेंड किया, जिन पर शराब और बालू माफिया से सांठगांठ के आरोप हैं। इस मामले में भी प्राइवेट ड्राइवरों की भूमिका जांच के दायरे में है। बिहार में थानों में निजी वाहनों का उपयोग बढ़ता जा रहा है। भागलपुर के 27 थानाध्यक्षों ने ड्राइवर सहित निजी वाहन लगाए हैं। इसके बाद वैशाली में 24, बक्सर में 19 और मुंगेर में 10 थानेदारों ने प्राइवेट गाड़ियां और ड्राइवर हायर किए हैं।बात सिर्फ थानों तक ही सीमित नहीं है
पूर्वी चंपारण (मोतिहारी) में दो डीएसपी और दरभंगा में एक डीएसपी भी प्राइवेट गाड़ियों और ड्राइवरों का इस्तेमाल कर रहे हैं।इसके अलावा, लखीसराय में चार सर्कल इंस्पेक्टर, बगहा और भागलपुर में एक-एक सर्कल इंस्पेक्टर भी सरकारी काम के लिए प्राइवेट ड्राइवरों पर निर्भर हैं।