UAE में बेटी को मिली मौत की सजा, पिता ने विदेश मंत्रालय से मदद की लगाई गुहार
Delhi Highcourt: व्यक्ति ने यह भी कहा कि नवजात के माता-पिता ने उसके पोस्टमार्टम के लिए सहमति देने से इनकार कर दिया और एक सहमति पत्र पर हस्ताक्षर कर जांच को रोक दिया।
Delhi Highcourt: दिल्ली हाईकोर्ट का एक व्यक्ति ने दरवाजा खटखटाकर विदेश मंत्रालय से अपनी 33 साल की बेटी की कानूनी स्थिति पता लगाने के लिए निर्देश देने की मांग की है। दरअसल, व्यक्ति की बेटी को यूएई में मौत की सजा मिली है।
बता दें कि यूपी के बांदा जिले की निवासी महिला को उसकी देखरेख में रह रहे बच्चे की मौत के मामले में अबूधाबी की एक कोर्ट ने मौत की सजा सुनाई थी। महिला को 10 फरवरी 2023 के अबू धाबी पुलिस को सुपुर्द किया था और उसे 31 जुलाई 2023 को मौत की सजा सुनाई थी। वह वर्तमान में अल वथबा जेल में बंद है।
याचिका में क्या कहा गया
व्यक्ति ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। याचिका में कहा कि दिसंबर 2021 में उनकी बेटी ने अबू धाबी गई थी। अगस्त 2022 में उसे एक परिवार ने अपने नवजात बेटे की देखभाल की नौकरी पर रखा। याचिका में कहा गया कि 7 दिसंबर 2022 को शिशु को नियमित टीके लगाए गए और उसी शाम उसकी मृत्यु हो गई। दिल्ली हाईकोर्ट का अरविंद केजरीवाल को लेकर फैसला, देखें वीडियो…
पोस्टमार्टम से किया इनकार
वहीं व्यक्ति ने यह भी कहा कि नवजात के माता-पिता ने उसके पोस्टमार्टम के लिए सहमति देने से इनकार कर दिया और एक सहमति पत्र पर हस्ताक्षर कर जांच को रोक दिया। बाद में फरवरी 2023 में एक वीडियो आया, जिसमे कथित तौर पर उनकी बेटी को बच्चे की हत्या की बात कबूलते हुए दिखाया गया था।
विदेश मंत्रालय से लगाई गुहार
व्यक्ति ने याचिका में कहा कि 14 फरवरी 2025 को उनकी बेटी ने हिरासत से उसे फोन किया था। उस दौरान बताया था कि उसे हिरासत केंद्र में शिफ्ट कर दिया है। व्यक्ति ने काफी प्रयास के बाद 21 फरवरी 2025 को विदेश मंत्रालय को एक आवेदन दिया है। आवेदन के माध्यम से बेटी की कानूनी स्थिति का पता लगाने और यह पुष्टि करने की मांग की गई कि क्या वह जीवित है या उसे मार दिया गया है।