क्या है मामला?
प्राप्त जानकारी के मुताबिक, दिल्ली की एक अदालत ने 11 मार्च को
राजधानी में बड़े-बड़े होर्डिंग्स लगाने के लिए जनता के धन का कथित तौर पर दुरुपयोग करने के आरोप में पूर्व मुख्यमंत्री
अरविंद केजरीवाल और अन्य लोगों के खिलाफ प्राथमिकी (एफआईआर) दर्ज करने का आदेश जारी किया था। अदालत ने यह निर्देश शिकायत के आधार पर दिया, जिसमें सार्वजनिक संपत्ति और संसाधनों के गलत इस्तेमाल का आरोप लगाया गया था। इसके बाद दिल्ली पुलिस ने इस मामले में कार्रवाई शुरू की।
जनता के धन का गलत उपयोग
2019 में दर्ज की गई शिकायत में दावा किया गया है कि केजरीवाल, मटियाला से आम आदमी पार्टी (आप) के तत्कालीन विधायक गुलाब सिंह और द्वारका ए वार्ड की तत्कालीन पार्षद नितिका शर्मा ने इलाके में कई स्थानों पर विशाल होर्डिंग्स लगवाकर जानबूझ कर रूप से जनता के धन का गलत उपयोग किया।
जांच की बताई वजह
अतिरिक्त मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी नेहा मित्तल ने अपने आदेश में कहा कि पुलिस की स्टेटस रिपोर्ट में उल्लेख है कि रिपोर्ट दाखिल करने की तारीख को संबंधित स्थान पर कोई होर्डिंग या बैनर नहीं था, लेकिन शिकायत की तारीख के समय की स्थिति पर पुलिस ने कुछ नहीं कहा। इसलिए यह जांच जरूरी है कि होर्डिंग्स किसने और क्यों लगवाए। राज्य के वकील ने दलील दी कि समय बीत चुका है और सबूत के तौर पर दी गई तस्वीरों में होर्डिंग बनाने वाली कंपनी का नाम नहीं है, लेकिन अदालत ने इसे खारिज कर कहा कि मामले में शामिल लोगों की पहचान के लिए जांच जरूरी है।