स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराना उद्देश्य
केंद्रीय श्रम मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया ने कहा कि इस दिशा में मंत्रालय स्तर से काम शुरू हो गया है। सभी जरूरी स्वीकृति प्रदान की जा चुकी हैं। उन्होंने कहा कि दूर-दराज और छोटे शहरी
इलाकों में संगठित क्षेत्र के कामगारों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने के लिए यह कदम उठाया जा रहा है।
150 से अधिक ईएसआइसी के अस्पताल
श्रम मंत्रालय के इस फैसले के बाद संगठित क्षेत्र के कामगारों-लाभार्थियों के लिए देश के करीब 31,000 सरकारी और निजी
अस्पतालों में इलाज का रास्ता खुल जाएगा, जिसमें 150 से अधिक ईएसआइसी के अस्पताल और 1600 डिस्पेंसरी शामिल हैं। ईएसआइसी के तहत आयुष्मान भारत पैनल में शामिल अस्पतालों में इलाज के लिए किसी तरह की कैपिंग नहीं होगी।
5 लाख रुपए तक सीमा
आयुष्मान योजना के अंतर्गत इलाज करवाने के लिए 5 लाख रुपए तक की लिमिट है। यह सीमा ईएसआइसी के सदस्यों के इलाज के लिए लागू नहीं होगी। उनके इलाज पर जितना भी खर्च होगा, पूरा खर्च ईएसआइसी की ओर से उठाया जाएगा। ऐसा इसलिए, क्योंकि ईएसआइसी सदस्यों और उनके परिजनों का पहले से ही बीमा होता है, जिससे इलाज का पूरा खर्च उठाया जाता है। ये भी पढ़ें:
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देश के कई हिस्सों में ईएसआइसी के अस्पताल मौजूद नहीं है। इस वजह से सदस्यों को इलाज करवाने में परेशानी होती है। जहां अस्पताल है भी, वहां कई बीमारियों का इलाज नहीं हो पता है या फिर उन अस्पतालों में कई सुविधाएं नहीं होती है। चिकित्सा सेवा का विस्तार होने से संगठित क्षेत्र के श्रमिकों को व्यापक लाभ मिलने की उम्मीद है।
14.45 करोड़ लोग लाभांवित होंगे
केंद्रीय श्रम मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा कि वर्तमान में 3.72 करोड़ ईएसआइसी से जुड़े सदस्य हैं। मौजूदा प्रावधानों के हिसाब से एक सदस्य के परिवार में 3.88 सदस्य माने जाते हैं। इस हिसाब से देखा जाए तो कुल सदस्यों और उनके परिजनों को जोडक़र यह संख्या 14.45 करोड़ बैठती है, जिन्हें व्यापाक चिकित्सा सेवा का लाभ मिलेगा।
ईएसआइ के लिए कौन हैं पात्र
संगठित क्षेत्र के वैसे कर्मचारी, जिनका प्रति माह वेतन 21,000 रुपए से कम है वे ईएसआइ के पात्र हैं। दिव्यांग कर्मचारियों के लिए यह सीमा 25,000 रुपए है। ये भी पढ़ें:
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इसमें कर्मचारी और नियोक्ता, दोनों योगदान करते हैं। इसमें कर्मचारी अपने वेतन का 0.75 फीसदी और नियोक्ता कर्मचारी के वेतन का 3.25 फीसदी योगदान देते हैं।
नौकरी बदलने पर नहीं बदलता बीमा नंबर
इस योजना की विशेषता यह है कि जब तक कर्मचारी ईएसआइ वेतन सीमा के अंदर रहता है, तब तक उसका बीमा नंबर वही रहता है। नौकरी बदलने के बाद भी बीमा नंबर वही रहता है।