FASTag: नए नियमों में क्या-क्या बदलेगा?
अगर कोई फास्टैग 60 मिनट से अधिक समय तक निष्क्रिय रहता है और टोल पार करने के 10 मिनट बाद तक भी सक्रिय नहीं होता है, तो उसका लेनदेन अस्वीकार कर दिया जाएगा। ऐसे मामलों में सिस्टम ‘एरर कोड 176’ दिखाएगा और भुगतान को मान्य नहीं किया जाएगा।फास्टैग चार्जबैक प्रक्रिया में बदलाव:
टोल भुगतान से जुड़े विवादों को कम करने के लिए चार्जबैक प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी बनाया गया है। अगर किसी उपयोगकर्ता को अनावश्यक कटौती का सामना करना पड़ता है, तो चार्जबैक की प्रक्रिया को अब पहले की तुलना में अधिक तेज और सुविधाजनक बनाया गया है।Fastag Rules: फास्टैग से गलती से कट गए हैं एक्स्ट्रा पैसे, जानिए वापस पाने का आसान तरीका
फास्टैग: टोल लेन-देन में देरी पर अतिरिक्त शुल्क:
नए नियमों के अनुसार, यदि कोई वाहन टोल प्लाजा से गुजरने के बाद 15 मिनट के भीतर भुगतान नहीं करता है, तो फास्टैग उपयोगकर्ता को अतिरिक्त शुल्क देना पड़ सकता है।लो बैलेंस वाले यूजर्स के लिए नई व्यवस्था:
अगर किसी वाहन का फास्टैग खाते में न्यूनतम बैलेंस नहीं होगा और टोल पार करने के बाद भी भुगतान लंबित रहेगा, तो टोल ऑपरेटर को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया जाएगा।फास्टैग रिचार्ज नियमों में बदलाव:
पहले टोल प्लाजा पर रुककर फास्टैग को रिचार्ज करने की सुविधा थी, लेकिन अब यह संभव नहीं होगा। नए नियमों के तहत, यूजर्स को पहले से ही अपना फास्टैग बैलेंस मेंटेन रखना होगा, अन्यथा टोल प्लाजा पर भुगतान करने में समस्या हो सकती है।टोल प्लाजा पर भीड़ होगी कम
सरकार के इन नए नियमों का सीधा असर टोल प्लाजा पर लगने वाली लंबी कतारों पर पड़ेगा। वर्तमान में कई बार फास्टैग में बैलेंस कम होने या अन्य तकनीकी कारणों से वाहनों को टोल पर रुकना पड़ता है, जिससे ट्रैफिक जाम की स्थिति बन जाती है। लेकिन अब नियमों को सख्त किए जाने के बाद वाहन चालकों को पहले से अपना फास्टैग रिचार्ज करके रखना होगा, जिससे टोल प्लाजा पर ट्रैफिक का दबाव कम होगा।फास्टैग लेनदेन में आई वृद्धि
फास्टैग का उपयोग लगातार बढ़ रहा है। एनपीसीआई के आंकड़ों के अनुसार, दिसंबर 2023 में फास्टैग लेनदेन की संख्या 6% बढ़कर 38.2 करोड़ हो गई, जबकि नवंबर में यह 35.9 करोड़ थी। इसके अलावा, फास्टैग लेनदेन की कुल वैल्यू 9% बढ़कर 6,642 करोड़ रुपये तक पहुंच गई, जो नवंबर में 6,070 करोड़ रुपये थी।FASTag: नए नियमों से वाहन चालकों को कैसे लाभ मिलेगा?
—टोल प्लाजा पर लगने वाले जाम से राहत मिलेगी।—समय की बचत होगी, क्योंकि फास्टैग ट्रांजैक्शन में कम समय लगेगा।
—लो बैलेंस और अन्य तकनीकी समस्याओं से बचने के लिए यूजर्स को पहले से सतर्क रहना होगा।
—टोल ऑपरेटरों की जवाबदेही तय होगी, जिससे फास्टैग से जुड़े विवाद कम होंगे।
कैसे करें अपना फास्टैग रिचार्ज?
—बैंकिंग ऐप: एसबीआई, एचडीएफसी, आईसीआईसीआई, एक्सिस बैंक जैसे प्रमुख बैंक फास्टैग रिचार्ज की सुविधा देते हैं।—ई-वॉलेट: पेटीएम, गूगल पे, फोनपे जैसे डिजिटल वॉलेट से भी फास्टैग रिचार्ज किया जा सकता है।
—फास्टैग पोर्टल: एनएचएआई और एनपीसीआई के अधिकृत पोर्टल से भी रिचार्ज किया जा सकता है।