हादसे का विवरण
पुलिस के अनुसार, हादसे के समय फैक्ट्री में करीब 40 लोग काम कर रहे थे। कुछ मजदूर पटाखों की पैकिंग कर रहे थे, जबकि अन्य पटाखे बनाने के काम में लगे थे। अचानक आग लगने के कारण हुए इस विस्फोट ने फैक्ट्री की दो मंजिला इमारत को पूरी तरह ध्वस्त कर दिया। धमाके की तीव्रता इतनी थी कि आसपास के क्षेत्र में भी इसका असर महसूस किया गया।
मामले की जांच जारी
लांबी के डिप्टी सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस, जसपाल सिंह ने बताया कि विस्फोट की वजह का अभी पता नहीं चल सका है और मामले की जांच की जा रही है। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, आग के कारण विस्फोट हुआ, जिसने तुरंत पूरी इमारत को अपनी चपेट में ले लिया।
अस्पताल में भर्ती करवाया
विस्फोट की सूचना मिलते ही पुलिस और प्रशासन की टीमें मौके पर पहुंचीं। घायलों को तुरंत बठिंडा के AIIMS अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनका इलाज चल रहा है। कुछ घायलों की हालत गंभीर बताई जा रही है। बचाव कार्यों में स्थानीय लोगों ने भी प्रशासन का साथ दिया।
प्रशासन और पुलिस की कार्रवाई
मुक्तसर पुलिस ने घटनास्थल को सील कर जांच शुरू कर दी है। पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि विस्फोट का कारण क्या था और क्या फैक्ट्री में सुरक्षा मानकों का पालन किया जा रहा था। अधिकारियों ने बताया कि मृतकों की पहचान प्रवासी मजदूरों के रूप में हुई है, जिनमें से अधिकांश अन्य राज्यों से थे।
स्थानीय लोगों का बयान
स्थानीय लोगों और कुछ मजदूरों ने बताया कि धमाका इतना जोरदार था कि आसपास की इमारतों की खिड़कियां तक हिल गईं। एक प्रत्यक्षदर्शी ने कहा, “हम सो रहे थे, तभी अचानक तेज आवाज हुई और सब कुछ हिल गया। जब बाहर निकले तो फैक्ट्री से आग की लपटें और धुआं उठता दिखा।”
प्रशासन पर सवाल
इस हादसे ने एक बार फिर पटाखा फैक्ट्रियों में सुरक्षा मानकों की अनदेखी का मुद्दा उठाया है। स्थानीय लोग और सामाजिक कार्यकर्ता प्रशासन से सवाल कर रहे हैं कि आखिर ऐसी फैक्ट्रियों को आवासीय क्षेत्रों के पास संचालित करने की अनुमति क्यों दी जाती है।
आगे की जांच
पुलिस और प्रशासन ने मामले की गहन जांच के आदेश दिए हैं। यह भी पता लगाया जा रहा है कि फैक्ट्री के पास आवश्यक लाइसेंस और सुरक्षा उपाय थे या नहीं। सरकार ने मृतकों के परिजनों के लिए सहायता और घायलों के इलाज के लिए हर संभव मदद का आश्वासन दिया है।