बकाया राशि ब्याज के साथ दी जाएगी
इसके अलावा, मासिक अतिरिक्त राशि भी मिलेगी, जो यूपीएस के तहत स्वीकार्य पेंशन और महंगाई राहत (डीआर) से एनपीएस की एन्युटी राशि घटाकर निकाली जाएगी। कर्मचारियों को बकाया राशि भी दी जाएगी, जिस पर पीपीएफ दरों के हिसाब से साधारण ब्याज मिलेगा। इस लाभ के लिए दावा करने की आखिरी तारीख 30 जून 2025 है। वित्त मंत्रालय ने जनवरी 2025 में यूपीएस को नोटिफाई किया था। इस योजना के तहत कर्मचारियों को 50% सुनिश्चित पेंशन वादा किया गया है, जो सेवानिवृत्ति से पहले के 12 महीनों की औसत मूल सैलरी पर आधारित होगी। यह लाभ 25 साल की न्यूनतम सेवा पूरी करने वाले कर्मचारियों को मिलेगा।अलग-अलग कर्मियों की नहीं हो सकती भिन्न रिटायरमेंट उम्र : सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया है कि कर्मचारियों के लिए उनकी विकलांगता की प्रकृति के आधार पर अलग-अलग सेवानिवृत्ति आयु निर्धारित करना अनुच्छेद 14 के तहत असंवैधानिक भेदभाव है। न्यायालय ने मामले में लोकोमोटर-विकलांग इलेक्ट्रीशियन को राहत भी प्रदान की, जिसे 58 वर्ष की आयु में सेवानिवृत्त होने के लिए बाध्य किया गया था, जबकि दृष्टिबाधित कर्मचारियों को 60 वर्ष तक सेवा करने की अनुमति दी गई थी। न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा और न्यायमूर्ति के वी विश्वनाथन की पीठ ने इस बात पर जोर दिया कि दिव्यांग कर्मचारियों के बीच इस तरह का भेदभाव मनमाना है। अदालत ने कहा, सभी तरह की मानक दिव्यांगताओं के लिए एक समान सेवानिवृत्ति लाभ अनिवार्य है।कौन हैं लीना गांधी तिवारी? 703 करोड़ में खरीदा घर, हैं 32,500 करोड़ की मालकिन
कर्मचारी नहीं चुन सकता रिटायरमेंट की उम्र
दूसरी ओर कोर्ट ने यह भी कहा कि, किसी कर्मचारी को अपने रिटायरमेंट की आयु निर्धारित करने का कोई अंतर्निहित अधिकार नहीं है। यह अधिकार राज्य के पास है, जिसे अनुच्छेद 14 के तहत समानता के सिद्धांत का पालन करते हुए उचित रूप से इसका प्रयोग करना चाहिए। कोर्ट ने कहा,किसी कर्मचारी को इस बात का कोई मौलिक अधिकार नहीं है कि वह किस आयु में रिटायर होगा।सरकार का नहीं होता था दखल, ‘कांग्रेस’ के समय में मैंने की थी 3 सर्जिकल स्ट्राइक: रिटायर्ड मेजर जनरल का दावा
जस्टिस मनोज मिश्रा और जस्टिस केवी विश्वनाथन की खंडपीठ ने इस मामले की सुनवाई की। मामले में अपीलकर्ता लोकोमोटर-विकलांग इलेक्ट्रीशियन है। उसको 58 वर्ष की आयु में रिटायर होने के लिए मजबूर किया गया था, जबकि इसी तरह के दृष्टिबाधित कर्मचारियों को 60 वर्ष तक सेवा करने की अनुमति दी गई थी।