वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच आया बजट
वित्त मंत्री ने कहा कि मौजूदा वैश्विक माहौल में कई चुनौतियां हैं, जिनका असर भारत के बजट पर भी पड़ा है। उन्होंने कहा, मध्य पूर्व में जारी संघर्ष, रूस-यूक्रेन युद्ध, वैश्विक जीडीपी में ठहराव और उभरते बाजारों में लगातार बनी हुई महंगाई जैसे मुद्दों ने आर्थिक माहौल को अस्थिर कर दिया है। जहां मुक्त व्यापार को बढ़ावा मिलना चाहिए, वहां हमें प्रतिबंध देखने को मिल रहे हैं। जहां वैश्वीकरण की जरूरत है, वहां विघटन की स्थिति बन रही है। जहां वित्तीय अनुशासन आवश्यक है, वहां कर्ज बढ़ता जा रहा है। मौजूदा वैश्विक परिस्थितियों ने बजट तैयार करने की प्रक्रिया को और अधिक जटिल बना दिया है। इनका असर हमारी अर्थव्यवस्था और बजट निर्माण पर भी पड़ा है।
बजट का फोकस गरीब, युवा, किसान और महिलाएं
वित्त मंत्री निर्मला ने लोकसभा में बजट 2025-26 पर चर्चा का जवाब दिया। उन्होंने कहा कि बजट राष्ट्रीय विकास आवश्यकताओं को राजकोषीय प्राथमिकताओं के साथ संतुलित करता है। उन्होंने कहा कि मुद्रास्फीति की प्रवृत्ति, विशेष रूप से खाद्य पदार्थों की महंगाई कम होती दिख रही है। वित्त मंत्री ने कहा कि कृषि, एमएसएमई, निवेश और निर्यात को ग्रोथ इंजन बनाने के साथ गांवों में समृद्धि लाने पर सरकार जोर दे रही है। उन्होंने कहा कि बजट का फोकस गरीब, युवा, अन्नदाता और नारी पर है। इसका आधार कृषि, एमएसएमई और निर्यात को बढ़ावा देने के लिए नई योजनाओं और सुधारों को प्रस्तुत करना था।