‘प्रभावित लोगों की समस्याएं समझने आया हूं’
मालदा में मीडिया से बातचीत करते हुए राज्यपाल बोस ने कहा, मैं यहां हिंसा से प्रभावित लोगों की भावनाएं, समस्याएं और जरूरतें समझने आया हूं। मेरा प्रयास रहेगा कि उनकी शिकायतों का प्राथमिकता के आधार पर समाधान किया जाए। जब तक मैं इन शिविरों में रह रहे लोगों की स्थिति को नजदीक से नहीं देखता, कोई प्रतिक्रिया देना जल्दबाज़ी होगी। आपको बता दें कि सीएम ममता बनर्जी ने राज्यपाल को यह दौरा करने से मना किया था।
एक दिन पहले पीड़ित महिलाओं से की थी मुलाकात
इससे पहले, गुरुवार को राज्यपाल ने राजभवन में मुर्शिदाबाद के पीड़ितों, खासकर महिलाओं से मुलाकात की थी। उन्होंने बताया कि पीड़ितों ने उन्हें जो अनुभव सुनाए, वे अत्यंत दुखद और संवेदनशील थे। “उनकी कहानियां सुनकर मेरा दिल द्रवित हो गया। मैं जल्द ही स्वयं हालात का जायजा लेने वहां पहुंचूंगा और निष्पक्ष दृष्टिकोण से भविष्य की कार्रवाई तय करूंगा।
केंद्रीय बलों की तैनाती से स्थिति नियंत्रण
राज्यपाल बोस ने यह भी बताया कि केंद्रीय बलों की तैनाती से वर्तमान में स्थिति नियंत्रण में है। उन्होंने राजभवन में एक “शांति कक्ष” की स्थापना की है, जहां से लगातार स्थिति पर नजर रखी जा रही है और पीड़ितों की मदद के लिए संपर्क बनाए रखा गया है। बीजेपी अध्यक्ष ने राज्यपाल से मुलाकात कर रखीं कई मांगे
इस बीच, पश्चिम बंगाल भाजपा अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने भी राज्यपाल से मुलाकात कर कई मांगें रखीं। उन्होंने बताया कि हिंसा में क्षतिग्रस्त घरों और दुकानों के पुनर्निर्माण की मांग की गई है, जिसे मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पहले ही स्वीकार कर चुकी हैं। उन्होंने यह भी कहा कि राज्यपाल ने उन्हें आश्वासन दिया है कि इन मांगों पर गंभीरता से विचार कर संबंधित प्राधिकारियों से चर्चा करेंगे।
गौरतलब है कि वक्फ संशोधन कानून के खिलाफ पश्चिम बंगाल के कई जिलों में विरोध-प्रदर्शन हिंसक हो गए थे, जिनमें मुर्शिदाबाद सबसे अधिक प्रभावित रहा। पुलिस के अनुसार, अब तक 200 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया है और स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है।