इस बैठक में 1989 बैच के हरियाणा कैडर के आइएएस अधिकारी विवेक जोशी को
चुनाव आयुक्त नियुक्त करने का भी निर्णय किया गया। जोशी अभी हरियाणा के मुख्य सचिव हैं। इससे पहले, चयन समिति की बैठक में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी शामिल हुए। सूत्रों का कहना है कि राहुल गांधी ने सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई का हवाला देकर बैठक स्थगित करने की मांग की है, जिसे समिति ने नहीं माना।
कौन है ज्ञानेश कुमार?
ज्ञानेश कुमार, जिनकी आगामी 15 मार्च 2024 से चुनाव आयुक्त (Election Commissioner) के रूप में नियुक्ति हुई है, भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) के एक अत्यंत सम्मानित अधिकारी हैं। मूलतः आगरा के निवासी ज्ञानेश कुमार ने अपनी शुरुआती शिक्षा वहां से प्राप्त की और बाद में आइआइटी कानपुर से सिविल इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की। उन्होंने 1988 बैच में केरल कैडर से आईएएस सेवा में प्रवेश किया और विभिन्न महत्वपूर्ण प्रशासनिक पदों पर कार्य किया। उनके कार्यकाल में, ज्ञानेश कुमार ने कई महत्वपूर्ण राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर प्रभाव डाला। एक प्रमुख योगदान उनकी भूमिका थी जब उन्होंने अनुच्छेद 370 को खत्म करने और जम्मू-कश्मीर के विभाजन के निर्णय में सक्रिय रूप से भाग लिया। इसके अलावा, उन्होंने तीन तलाक विरोधी विधेयक के निर्माण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जो देश में महिलाओं के अधिकारों को सुनिश्चित करने के दिशा में एक बड़ा कदम था।
राम मंदिर निर्माण से है कनेक्शन
अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर सुप्रीम कोर्ट में पेश किए गए दस्तावेजों में भी उनका योगदान उल्लेखनीय रहा। इस कार्य के दौरान, उन्होंने राम मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट में महत्वपूर्ण दस्तावेजों की साक्षी और प्रशासनिक सहायता प्रदान की।
ज्ञानेश कुमार ने सहकारिता सचिव के पद से रिटायर होने के बाद चुनाव आयोग के साथ अपनी नई यात्रा की शुरुआत की। चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता के लिए उनका योगदान सराहनीय रहा है, खासकर चुनावी खर्चों और वादों की निगरानी में। वे सोशल मीडिया का उपयोग करके फर्जी नैरेटिव्स का विरोध करते हैं और चुनावी प्रक्रिया में ईमानदारी सुनिश्चित करने के लिए नए उपायों को लागू करने का समर्थन करते हैं।
ज्ञानेश कुमार का AI पर फोकस
उनकी भविष्यवाणी और विचार यह भी हैं कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) चुनाव संचालन में एक क्रांतिकारी बदलाव ला सकती है। उनका मानना है कि टेक्नोलॉजी के सही इस्तेमाल से चुनावी प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी और कुशल बनाया जा सकता है। ज्ञानेश कुमार का कार्यकाल चुनाव आयुक्त के रूप में 26 जनवरी 2029 तक रहेगा। इस दौरान, उन्हें भारत के अधिकांश बड़े राज्यों सहित कुल 22 विधानसभा चुनावों का आयोजन सुनिश्चित करना होगा। यह जिम्मेदारी उनके प्रशासनिक कौशल और नेतृत्व की परीक्षा होगी, और उनके कार्यकाल के दौरान चुनावी प्रक्रिया में बड़े बदलाव और सुधार की उम्मीद की जा रही है।