मौसमी सिस्टम और उनका प्रभाव
मौसम विभाग के अनुसार, वर्तमान में कई चक्रवाती सिस्टम सक्रिय हैं। उत्तरी बांग्लादेश और उत्तरी तटीय आंध्र प्रदेश में ऊपरी हवाओं में चक्रवाती परिसंचरण बना हुआ है। इसके अलावा, दक्षिण-पश्चिम राजस्थान में एक चक्रवाती परिसंचरण और इससे उत्तर केरल तक एक ट्रफ (निम्न दबाव क्षेत्र) मौजूद है। मध्य और ऊपरी वायुमंडल में 85°E रेखांश के साथ एक ट्रफ भी बना हुआ है। इन सिस्टमों के प्रभाव से देश के विभिन्न हिस्सों में मौसम में उथल-पुथल देखने को मिलेगी। उत्तर-पश्चिम भारत
2 मई से एक ताजा और सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ उत्तर-पश्चिम भारत को प्रभावित करेगा। इसके परिणामस्वरूप:
- जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड: 1 से 6 मई तक हल्की से मध्यम बारिश, आंधी, बिजली और 30-40 किमी/घंटा की रफ्तार वाली तेज हवाएं (50 किमी/घंटा तक) संभावित हैं। उत्तराखंड में 1 और 2 मई को ओलावृष्टि और 50-60 किमी/घंटा की रफ्तार वाली तूफानी हवाएं संभावित हैं।
- पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, राजस्थान: 30 अप्रैल से 5 मई तक छिटपुट बारिश, आंधी, बिजली और 40-60 किमी/घंटा की तेज हवाएं संभावित हैं। पूर्वी उत्तर प्रदेश में 30 अप्रैल और 1 मई को धूल भरी आंधी, जबकि पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली में 1 और 2 मई को धूल भरी आंधी की संभावना है। पश्चिमी राजस्थान में 30 अप्रैल से 4 मई और पूर्वी राजस्थान में 1 से 3 मई तक धूल भरी आंधी का अलर्ट है।
- दिल्ली का मौसम: 2 मई को आसमान में बादल छाए रहेंगे, हल्की बारिश या बूंदाबांदी के साथ आंधी, बिजली और 30-40 किमी/घंटा की तेज हवाएं (50 किमी/घंटा तक) संभावित हैं। अधिकतम तापमान 35-37 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 24-26 डिग्री सेल्सियस रहेगा। 3 मई को आंशिक रूप से बादल छाए रहेंगे, हल्की बारिश और 30-40 किमी/घंटा की तेज हवाओं की संभावना है। अधिकतम तापमान 36-38 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 25-27 डिग्री सेल्सियस रहेगा।
पूर्वी और मध्य भारत
- बिहार, झारखंड, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, सिक्किम, पूर्वी मध्य प्रदेश, विदर्भ, छत्तीसगढ़: 30 अप्रैल से 3 मई तक हल्की से मध्यम बारिश, आंधी, बिजली और 40-50 किमी/घंटा की तेज हवाएं (60 किमी/घंटा तक) संभावित हैं।
- तूफानी हवाएं: झारखंड में 30 अप्रैल और 1 मई को, ओडिशा और गंगा के मैदानी पश्चिम बंगाल में 30 अप्रैल को, पूर्वी मध्य प्रदेश में 30 अप्रैल से 3 मई तक, और विदर्भ व छत्तीसगढ़ में 3 और 4 मई को 50-60 किमी/घंटा की रफ्तार वाली तूफानी हवाएं (70 किमी/घंटा तक) संभावित हैं।
- ओलावृष्टि: छत्तीसगढ़ में 30 अप्रैल को, ओडिशा में 30 अप्रैल और 1 मई को, और पूर्वी मध्य प्रदेश में 2 और 3 मई को ओलावृष्टि की संभावना है।
- भारी बारिश: ओडिशा में 30 अप्रैल से 2 मई तक और बिहार में 2 मई को भारी बारिश का अलर्ट है।
दक्षिणी प्रायद्वीपीय भारत
- कर्नाटक, तटीय आंध्र प्रदेश, यनम, तेलंगाना, रायलसीमा, केरल, माहे, तमिलनाडु, पुडुचेरी, कराईकल: अगले 7 दिनों तक छिटपुट से हल्की/मध्यम बारिश, आंधी, बिजली और 30-40 किमी/घंटा की तेज हवाएं (50 किमी/घंटा तक) संभावित हैं। उत्तरी आंतरिक कर्नाटक में 30 अप्रैल से 4 मई तक 50-60 किमी/घंटा की तूफानी हवाएं संभावित हैं।
- भारी बारिश: तटीय आंध्र प्रदेश में 30 अप्रैल को भारी बारिश की संभावना है।
पूर्वोत्तर भारत
- असम, मेघालय, नगालैंड, मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा: अगले 5 दिनों तक व्यापक हल्की/मध्यम बारिश, आंधी, बिजली और 30-40 किमी/घंटा की तेज हवाएं (50 किमी/घंटा तक) संभावित हैं। असम और मेघालय में 30 अप्रैल को 50-60 किमी/घंटा की तूफानी हवाएं और नगालैंड व मणिपुर में 1 मई को ओलावृष्टि की संभावना है।
लोगों और प्रशासन के लिए सलाह
मौसम विभाग ने लोगों को सतर्क रहने और बाहरी गतिविधियों के दौरान सावधानी बरतने की सलाह दी है। तेज हवाओं और ओलावृष्टि से फसलों को नुकसान हो सकता है, इसलिए किसानों को अपनी फसलों की सुरक्षा के लिए उपाय करने चाहिए। भारी बारिश के कारण निचले इलाकों में जलभराव और बाढ़ की स्थिति बन सकती है, जिसके लिए स्थानीय प्रशासन को तैयार रहने की जरूरत है।
30 अप्रैल से शुरू होकर 6 मई तक, पश्चिमी विक्षोभ और चक्रवाती सिस्टम देश के मौसम को पूरी तरह बदल देंगे। तूफानी बारिश, आंधी, बिजली और तेज हवाओं का यह दौर न केवल मौसम को ठंडा करेगा, बल्कि कई क्षेत्रों में चुनौतियां भी लाएगा। दिल्ली जैसे शहरों में तापमान सामान्य से नीचे रहेगा, लेकिन तेज हवाएं और धूल भरी आंधी असुविधा पैदा कर सकती हैं। इस दौरान लोगों को मौसम अपडेट पर नजर रखने और आपात स्थिति के लिए तैयार रहने की जरूरत है। यह मौसमी उथल-पुथल प्रकृति की ताकत को एक बार फिर उजागर करती है, जिसके लिए सतर्कता और तैयारी ही सबसे बड़ा हथियार है।