अब एजेंट नहीं कर पाएंगे बुकिंग की शुरुआत में टिकट बुक
रेलवे ने एक और अहम कदम उठाया है – अब कोई भी रेलवे एजेंट टिकट बुकिंग शुरू होने के पहले 30 मिनट तक तत्काल टिकट नहीं बुक कर पाएगा। एसी तत्काल टिकट बुकिंग – सुबह 10:00 से 10:30 तक एजेंट्स पर रोक स्लीपर तत्काल टिकट – सुबह 11:00 से 11:30 तक रोक इससे आम यात्रियों को टिकट पाने का बेहतर मौका मिलेगा, क्योंकि पहले एजेंट बड़ी संख्या में टिकट पहले ही बुक कर लेते थे।
रेलवे का उद्देश्य – पारदर्शिता और फर्जी बुकिंग पर रोक इस बदलाव का मुख्य मकसद है: तत्काल टिकटों की ब्लैक मार्केटिंग रोकना बॉट्स और स्क्रिप्ट से होने वाली बुकिंग पर लगाम
आम यात्रियों को प्राथमिकता देना रेलवे प्रणाली को और डिजिटल और सुरक्षित बनाना
क्या करें यात्री – आधार लिंक करना जरूरी
यदि आपने अभी तक अपना IRCTC अकाउंट आधार से लिंक नहीं किया है, तो जल्दी करें: IRCTC वेबसाइट या ऐप पर लॉगिन करें “My Profile” सेक्शन में जाकर आधार अपडेट करें OTP से वेरिफिकेशन पूरा करें
यात्रियों ने किया रेलवे के इस कदम का स्वागत
रेलवे के इस कदम का आम यात्रियों ने स्वागत किया है। हर महीने ट्रेन से यात्रा करने वाली दिल्ली निवासी सीमा गुप्ता कहती हैं: हर बार तत्काल टिकट एजेंट पहले ही बुक कर लेते थे। OTP से आम लोगों को अब ज्यादा मौका मिलेगा। वहीं, रेल नीति विशेषज्ञ अनिल तिवारी का कहना है, रेलवे का यह कदम डिजिटल पारदर्शिता को बढ़ावा देगा और दलाली पर सख्त रोक लगाएगा। रेलवे का लक्ष्य है कि अगले 6 महीने में तत्काल टिकट की 90% बुकिंग सिर्फ वैरिफाइड यूज़र्स के ज़रिए हो,ताकि गलत यूज़र फौरन पकड़े जा सकें।
इसमें अब आगे क्या हो सकता है ?
रेलवे सूत्रों के अनुसार, आने वाले महीनों में और भी सख्ती लागू हो सकती है।बुकिंग के लिए फेस वेरिफिकेशन की योजना विचाराधीन है। एजेंट्स की गतिविधियों की रियल टाइम मॉनिटरिंग
IRCTC एप और वेबसाइट का एडवांस सिक्योरिटी सिस्टम इसके अलावा रेलवे “बुकिंग हेल्पलाइन बॉट” भी लॉन्च कर सकता है, जिससे आम यूज़र को टिकट बुकिंग के समय गाइडेंस मिले।
साइबर सिक्योरिटी और डिजिटल इंडिया मिशन से लिंक
यह कदम सिर्फ टिकट बुकिंग नहीं, बल्कि डिजिटल इंडिया मिशन की दिशा में भी बड़ा प्रयास है। रेलवे देश की पहली ऐसी सरकारी सेवा बन रही है, जिसने आधार आधारित OTP ऑथेंटिकेशन को टिकटिंग सिस्टम में लागू किया है। इससे भविष्य में पेंशन, पास और कंसेशन जैसी सुविधाएं भी डिजिटल वेरिफिकेशन से जोड़ी जा सकती हैं।