अंतरिक्ष अभियान बनेंगे उन्नत
आइआरआइएस चिप का उपयोग आइओटी, कंप्यूटर सिस्टम और अंतरिक्ष मिशनों में किया जा सकता है। इसमें शक्ति प्रोसेसर का उपयोग किया गया है। चिप की कार्यक्षमता बढ़ाने के लिए इसमें उन्नत सीरियल बस, कॉरडिक और वॉचडॉग टाइमर जैसे मॉड्यूल शामिल किए गए हैं। इसे भविष्य के अंतरिक्ष अभियानों में और अधिक उन्नत बनाया जा सकता है।
आइआइटी मद्रास में किया बूट
यह तीसरी शक्ति चिप है जिसे हमने एससीएल चंडीगढ़ में तैयार की है। आइआइटी मद्रास में इसको सफलतापूर्वक बूट किया गया है। चिप का डिजाइन, फैब्रिकेशन, पैकेजिंग, मदरबोर्ड डिजाइन, चिप की असेंबली और उसको बूट भारत में ही किया गया है। चिप से जुड़ी कुछ अहम बात
- इस चिप के बनने से भारत की सेमीकंडक्टर आत्मनिर्भरता की दिशा में एक अहम कदम उठा है।
- इस चिप के बनने से भारत की वैश्विक अंतरिक्ष क्षमता भी बढ़ी है।
- इस चिप के बनने से पता चला है कि भारत में उच्च गुणवत्ता वाली सेमीकंडक्टर प्रौद्योगिकी बनाने की क्षमता है।
क्या है खास?
सिस्टम कस्टम प्रोसेसर है जिसका डिजाइन रिस्क-5, एक ओपन-सोर्स इंस्ट्रक्शन सेट आर्किटेक्चर (आईएसए) पर आधारित हैं। ‘शक्ति’ को इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय की ओर से ‘डिजिटल इंडिया रिस्क-5’ पहल (डीआईआर-5) के तहत तैयार कराया जा रहा है। इसका उद्देश्य माइक्रोप्रोसेसर आधारित उन उत्पादों के स्वदेशी विकास को बढ़ावा देना है।