पैनिक अटैक आया तो बेहोश होने लगी थी पीड़िता
यह मामला 25 जून को कोलकाता के एक नामी लॉ कॉलेज के कैंपस में हुआ। मुख्य आरोपी मोनोजित मिश्रा, जो पूर्व तृणमूल छात्र परिषद का पदाधिकारी था, ने अपने साथी लॉ छात्र ज़ैब अहमद और प्रमित मुखर्जी के साथ मिलकर इस घिनौनी वारदात को अंजाम दिया। जब पीड़िता को पैनिक अटैक आया और वह बेहोश होने लगी, तब आरोपियों ने इनहेलर देकर उसे होश में लाने की कोशिश की ताकि उसके साथ बार-बार यौन शोषण कर सकें।
इनहेलर देकर पीड़िता को आए होश में
अलीपुर कोर्ट में सुनवाई के दौरान सरकारी वकील सौरिन घोषाल ने कहा कि आरोपियों का इरादा बेहद खतरनाक था। जब लड़की सांस लेने में असमर्थ हो गई, तब उसे इनहेलर देकर केवल इसलिए होश में लाया गया ताकि वह दुबारा उसके साथ दुष्कर्म कर सकें। पुलिस ने कोर्ट से आरोपियों को 10 जुलाई तक पुलिस कस्टडी में रखने की मांग की, हालांकि कोर्ट ने मोनोजित मिश्रा और उसके दोनों साथियों को 8 जुलाई तक पुलिस रिमांड में भेज दिया। वहीं, सुरक्षा गार्ड पिनाकी बनर्जी को 4 जुलाई तक कस्टडी में रखा जाएगा।
पीड़िता के शरीर पर मिले चोटों और कट्स के निशान
पुलिस ने कोर्ट को बताया कि मेडिकल रिपोर्ट में पीड़िता के शरीर पर चोटों के निशान और कट्स मिले हैं, जो पीड़िता के बयान से मेल खाते हैं। इसके साथ ही, सीसीटीवी फुटेज, मेडिकल स्टोर से खरीदे गए इनहेलर की फुटेज, मोबाइल लोकेशन डेटा और कॉल रिकॉर्ड्स भी पीड़िता के बयान की पुष्टि कर रहे हैं। पुलिस ने कॉलेज कैंपस में मौजूद 17 में से 6 छात्रों से पूछताछ की है और शेष छात्रों से पूछताछ जारी है। आरोपी ने कॉलेज वाइस प्रिंसिपल को किया था फोन
पुलिस जांच में यह भी सामने आया है कि आरोपी मोनोजित मिश्रा ने अगले दिन कॉलेज के वाइस प्रिंसिपल को फोन किया था, जिसके कारण पुलिस उसके इरादों और साजिश की तह तक जाने का प्रयास कर रही है। आरोप है कि मोनोजित मिश्रा ने पीड़िता के द्वारा बार-बार प्रस्ताव ठुकराने पर इस घिनौनी साजिश को अंजाम दिया।
आरोपियों को फांसी पर लटकाने की मांग
कॉलेज प्रशासन ने तत्काल प्रभाव से मोनोजित मिश्रा को कॉलेज से निष्कासित कर दिया है और उसका लॉ लाइसेंस रद्द कराने के लिए अधिकारियों से अपील करने का निर्णय लिया है। अन्य दोनों आरोपियों को भी बंगाल के सभी शैक्षणिक संस्थानों से प्रतिबंधित कर दिया गया है। कॉलेज के वाइस प्रिंसिपल ने इस घटना पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, ऐसे अपराधियों को फांसी पर लटका देना चाहिए।