जन संवाद से पहले हटाया पार्टी का झंड़ा
तेज प्रताप ने आज से जन संवाद की शुरुआत की थी और इसके लिए वह पटना से महुआ के लिए अपनी गाड़ी में रवाने हुए थे। लेकिन इस दौरान एक बात ने सबका ध्यान अपनी तरफ खींचा जो यह थी कि तेज प्रताप की गाड़ी पर आरजेडी का झंडा नहीं था। जन संवाद के लिए रवाना होने से पहले तेज प्रताप की गाड़ी पर लगा पार्टी का झंडा बदल दिया गया और उसकी जगह एक नया झंडा लगा दिया गया।
नए झंडे पर लालू की तस्वीर नहीं
आरजेडी पार्टी का झंडा हरे रंग का होता है जिस पर लालू प्रसाद यादव की तस्वीर के साथ साथ उनकी पार्टी का चुनाव चिन्ह, लालटेन छपा होता है। जन संवाद पर जाते हुए तेज प्रताप की गाड़ी पर लगा झंडा पार्टी के झंडे से कुछ अलग था। उसका रंग पीला था और उस में नीचे हरे रंग की एक पट्टी थी। इस पर आरजेडी पार्टी का चिन्ह तो छपा था लेकिन लालू की फोटो झंडे पर से गायब थी।
झंडे के बदलाव से उठ रहे कई सवाल
झंडे के इन बदलावों के भविष्य में होने वाले बदलावों से जोड़कर देखा जा रहा है। लोग इस बदलाव को तेज प्रताप की बगावत का संकेत मान रहे है। ऐसा कहा जा रहा है कि क्या अब तेज प्रताप अपने परिवार से अलग होकर अपने भाई तेजस्वी यादव को चुनावी मैदान में चुनौती दे सकते है। इसी साल बिहार में विधानसभा चुनाव होने जा रहे है। तेज प्रताप को अगले छह साल के लिए पार्टी और परिवार से अलग कर दिया गया है। ऐसे में क्या अब तेज प्रताप आने वाले चुनावों में एक नई पार्टी बनाएंगे या फिर किसी अन्य दल में शामिल होंगे। तेज प्रताप के झंडा बदलने के बाद से ही यह तमाम सवाल उठने लगे है।
तेज प्रताप को क्यों निकाला पार्टी से
आपको बता दें कि, हाल ही अनुष्का यादव नाम की एक महिला के साथ अपने रिश्ते का खुलासा करते हुए तेज प्रताप यादव ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर किया था। इसके बाद लालू प्रसाद ने बेटे को छह साल के लिए पार्टी से निष्कासित करने के साथ साथ उससे पारिवारिक संबंध भी खत्म कर लिए थे। हालांकि बाद में तेज प्रताप ने यह पोस्ट डिलीट कर दिया था और अकाउंट हैक होने का आरोप लगाया था।