जातीय हिंसा में 200 से ज्यादा लोग मारे गए
बता दें कि मणिपुर में मई 2023 से जातीय हिंसा चल रही है। इस हिंसा में अब तक 200 से ज्यादा लोग मारे गए हैं और हजारों लोग विस्थापित भी हुए है। दरअसल, राज्य में लगातार हो रही हिंसा के चलते
बीरेन सिंह भारी दबाव में थे और उनको पद से हटाने की मांग जोर पकड़ रही थी।
पिछले साल जनता से मांगी थी माफी
सीएम बीरेन सिंह ने पिछले साल के अंत में मणिपुर की जनता से माफी मांगी थी। उन्होंने कहा था कि यह पूरा साल बहुत दुर्भाग्यपूर्ण रहा है। मैं राज्य के लोगों से 3 मई 2023 से आज तक जो कुछ भी हुआ उसके लिए खेद व्यक्त करना चाहता हूं। कई लोगों ने अपने प्रियजनों को खो दिया। कई लोगों ने अपना घर छोड़ दिया। मुझे दुख है। मैं माफी मांगता हूं।
कैसे शुरू हुई हिंसक झड़प?
3 मई 2023 को मणिपुर में हिंसा की शुरुआत हुई थी। इस दिन मैतेई और कुकी जनजाति के बीच हिंसा शुरू हुई थी। दरअसल मैतेई समुदाय की मांग थी कि उसको कुकी समुदाय की तरह एसटी का दर्जा दिया जाए। वहीं प्रदेश में तनाव और बढ़ गया जब कुकी समुदाय ने मैतेई की आधिकारिक जनजातीय दर्जा दिए जाने की मांग का विरोध करना शुरू कर दिया था। बता दें कि मणिपुर में मैतेई समुदाय 53 प्रतिशत से ज्यादा है। ये गैर जनजाति समुदाय है। इसमें ज्यादातर हिंदू है। इसके अलावा कुकी और नगा समुदाय की आबादी 40 प्रतिशत के आसपास है।