विधायकों की सैलरी में बढ़ोतरी का प्रस्ताव
मुख्यमंत्री ने कहा कि विधायकों की सैलरी 2015 से नहीं बढ़ी है, जबकि सरकारी अधिकारियों की तनख्वाह अब 3 लाख रुपये तक पहुंच गई है। उन्होंने इसे अनुचित बताते हुए कहा, “हम 2015 में अटके हैं, यह ठीक नहीं है।” अब्दुल्ला ने सुझाव दिया कि विपक्ष के नेता (एलओपी), कांग्रेस और पीडीपी के प्रतिनिधियों की एक समिति बनाई जाए, जो हर पांच साल में संसदीय नियमों के अनुसार वेतन संशोधन की सिफारिश करे। इसके साथ ही उन्होंने क्षेत्रीय विकास निधि (सीडीएफ) और एमपीएलएडीएस के दिशानिर्देशों को अपडेट करने की भी बात कही। अगर यह प्रस्ताव पास होता है, तो जम्मू-कश्मीर के विधायकों की सैलरी 1.60 लाख रुपये से बढ़कर 5 लाख रुपये प्रति माह हो सकती है, जो देश में सबसे अधिक होगी।
बिजली माफी पर सख्त रुख
बिजली बिलों पर माफी योजना को लेकर अब्दुल्ला ने साफ कहा कि यह आखिरी बार दी जा रही है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा, “मैं और एलओपी सुनील शर्मा पड़ोसी हैं। सुनील जी समय पर बिल भरते हैं, मैं नहीं भरता। माफी योजना आती है, मेरा बिल माफ हो जाता है, तो सुनील जी कहते हैं, ‘यह क्या हो रहा है? मैं क्यों भरूं?’ इसलिए यह आखिरी बार है, भविष्य में बिजली बिलों पर माफी नहीं दी जाएगी।” उनका मानना है कि बार-बार माफी देना ठीक नहीं है। जमीन और भविष्य की चिंता
अब्दुल्ला ने बढ़ती आबादी के दबाव के बीच जमीन को बचाने की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने चेतावनी दी, “हमारा भविष्य हमारी जमीन से जुड़ा है। अगर जमीन नहीं बचेगी, तो हम कुछ भी नहीं होंगे। धीरे-धीरे यह खतरे में पड़ रहा है।” उन्होंने बताया कि खेती की जमीन को दूसरे कामों के लिए बदला जा रहा है, जिससे राज्य दूसरों पर निर्भरता बढ़ सकती है। रोशनी योजना का बचाव करते हुए उन्होंने कहा, “यह योजना पट्टेदारों को जमीन का अधिकार देने के लिए थी। गुलाम नबी आजाद ने समय सीमा बदली थी। हमें इसे फिर से लाना होगा।”
सांस्कृतिक और बुनियादी ढांचे पर ध्यान
मुख्यमंत्री ने जगती टाउनशिप की मरम्मत और सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करने की योजना का खुलासा किया। उन्होंने कहा, “33 धरोहर स्थलों को 65 करोड़ रुपये की लागत से बहाल किया जाएगा।” साथ ही, रुके हुए मुबारक मंडी प्रोजेक्ट को अगले तीन साल में पूरा करने का वादा किया। उन्होंने योजना विभाग की कमजोर भूमिका पर भी चिंता जताई और कहा, “पहले की तरह जिम्मेदारी नहीं रही, इसकी समीक्षा करनी होगी।”
स्टेट गेस्ट सुविधाएं और कश्मीर हाउस
अब्दुल्ला ने दिल्ली, मुंबई और चंडीगढ़ में अतिथि सुविधाओं के खत्म होने पर नाराजगी जताई। उन्होंने कहा, “चंडीगढ़ के सेक्टर 17 और दिल्ली के पृथ्वीराज रोड पर नई सुविधाएं बनाई जाएंगी।” साथ ही, राजाजी मार्ग पर मूल कश्मीर हाउस को भारतीय सेना से वापस लेने की अपील की, जो जम्मू-कश्मीर की पहचान है।