सुधा मूर्ति ने दी श्रद्धांजलि
जाकिर हुसैन की मौत पर बात करते हुए आरजेडी सांसद मनोज झा ने कहा, हम सभी उन्हें सुनते हुए बड़े हुए हैं। आपको याद होगा कि ‘वाह ताज वाह’ एक टैगलाइन बन गई थी। भगवान उनके प्रशंसकों को शक्ति दे। राज्यसभा सांसद सुधा मूर्ति ने कहा कि इससे उन्हें “बहुत दुख” हुआ और वह तबला वादक को “अच्छे इंसान” के रूप में याद करती हैं। एएनआई से बात करते हुए उन्होंने कहा, ज़ाकिर हुसैन के निधन के बारे में सुनकर मुझे बहुत दुख हुआ। उन्होंने ही पश्चिमी देशों में तबले की खूबसूरती को पेश किया। वह एक अच्छे इंसान थे और मैं उन्हें व्यक्तिगत रूप से जानती थी। यह भारत और संगीत जगत के लिए बहुत बड़ी क्षति है।
इस बीमारी के चलते हुई मृत्यु
उस्ताद ज़ाकिर हुसैन का 15 दिसंबर को अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को में 73 साल की उम्र में निधन हो गया। मौत का कारण इडियोपैथिक पल्मोनरी फाइब्रोसिस, एक पुरानी फेफड़ों की बीमारी बताई गई। परिवार का प्रतिनिधित्व करने वाले प्रोस्पेक्ट पीआर के जॉन ब्लेचर ने इस खबर की पुष्टि की। सभी समय के सबसे महान तालवादकों में से एक माने जाने वाले उस्ताद जाकिर हुसैन न केवल अपने हुनर के उस्ताद थे, बल्कि एक सांस्कृतिक सेतु-निर्माता भी थे, जिन्होंने भारतीय शास्त्रीय संगीत को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति दिलाई।