क्या है आरोप?
ट्रांसपोर्ट अधिकारियों जांच के बाद यह सामने आया है कि कंपनी के कई शोरूम का ट्रेड सर्टिफेकेट नहीं थे जबकि नियमों के तहत हर ऑटो शोरूम में अनरजिस्टर्ड वाहनों के लिए ट्रेड सर्टिफिकेट जरूरी है। ओला इलेक्ट्रिक ने 2022 से अब तक अपने शोरूम्स की संख्या 4,000 तक बढ़ाई है, लेकिन 3,400 में से केवल 100 से अधिक शोरूम के पास मोटर व्हीकल एक्ट के तहत जरूरी ट्रेड सर्टिफिकेट थे।
कंपनी ने किया दावा
कंपनी पर लगे आरोपों को खारिज करते हुए कंपनी ने इन दावों को गलत और पक्षपातपूर्ण बताया। उनके अनुसार, कई राज्यों में ओला के गोदामों और डिस्ट्रीब्यूशन सेंटर्स में अनरजिस्टर्ड वाहन हैं, जो मोटर व्हीकल एक्ट के तहत पूरी तरह से वैध हैं और आवश्यक मंजूरी प्राप्त है।
आरोपों को बताया पक्षपातपूर्ण
ओला के प्रवक्ता ने ईमेल के ज़रिए भेजे गए जवाब में कहा, “आपकी ‘जांच’ में यह निष्कर्ष निकाला गया है कि नियमों का पालन नहीं किया गया है, जो गलत और पक्षपातपूर्ण है।” उन्होंने कहा कि ओला भारत के विभिन्न राज्यों में अपने वितरण केंद्रों और गोदामों में अपंजीकृत वाहनों की एक सूची रखती है, “जो मोटर वाहन अधिनियम के दिशा-निर्देशों का पूरी तरह से अनुपालन करते हैं और उन्हें आवश्यक मंज़ूरी प्राप्त है।”