1968 में शुरू हुआ था राजनीतिक करियर
ओम प्रकाश चौटाला ने अपना राजनीतिक करियर 1968 में शुरू किया था। चौटाला पहला चुनाव अपने पिता देवीलाल की परंपरागत सीट ऐलनाबाद से लड़े। उनको इस चुनाव में हार का मुह देखना पड़ा। उन्होंने चुनाव में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए हाईकोर्ट तक गए थे। दो साल बाद 1970 में इस सीट पर उपचुनाव जीतकर ओम प्रकाश चौटाला पहली बार विधानसभा गए।15 महीने में 3 बार दिया CM पद से इस्तीफा
चौटाला दिसंबर 1989 में पहली बार हरियाणा के मुख्यमंत्री बने थे। सीएम बने रहने के लिए वे पिता की महम सीट से उपचुनाव में मैदान में उतरे। पहली बार वे सिर्फ साढ़े 5 महीने ही सीएम रहे। फिर उनकी जगह बनारसी दास गुप्ता को मुख्यमंत्री की कमान सौंपी गई। थोड़े दिनों बाद ओम प्रकाश चौटाला दड़बा सीट से जीतकर विधानसभा पहुंचे। बनारसी दास को 51 दिन के बाद सीएम पद से हटाया गया। इसके बाद दूसरी बार सीएम बने। वीपी सिंह चाहते थे कि जब तक महम केस चल रहा है ओम प्रकाश सीएम न बनें। इसलिए सिर्फ 5 दिन बाद ही उनको सीएम पद से हटना पड़ा। उनकी जगह मास्टर हुकुम सिंह हरियाणा के सीएम बने।इंडिया गठबंधन में दरार! अब इस पार्टी ने किया कांग्रेस से किनारा
नवंबर 1990 में राम मंदिर रथयात्रा को लेकर हुए विवाद के बाद वीपी सिंह की सरकार गिर गई थी। चंद्रशेखर पीएम कमान दी गई। देवीलाल ने चार महीने बाद मार्च 1991 को ओम प्रकाश चौटाला को तीसरी बार हरियाणा का सीएम बनाया। इस फैसले से पार्टी के कुछ विधायक नाराज होकर पार्टी छोड़ दी। इसके चलते 15 दिनों में ही सरकार गिर गई और 15 महीने के भीतर चौटाला को तीसरी बार सीएम पद से इस्तीफा देना पड़ा था।