इस प्रदर्शन में शिक्षक बनने के इच्छुक उम्मीदवार पोस्टर और बैनर लेकर आए थे। इन बैनरों पर “पूरक नहीं तो BPSC TRE-3 को वोट नहीं”, “युवाओं के अधिकारों को छीनने वालों को वोट नहीं” और “पूरक दो या हमें मौत दो” जैसे नारे लिखे हुए थे। हालांकि प्रदर्शनकारियों की संख्या बहुत ज्यादा नहीं थी।
क्यों कर रहे प्रदर्शन?
प्रदर्शनकारी अभ्यर्थियों में से शामिल एक छात्र ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि वे पिछले चार महीनों से पटना के गर्दनीबाग में प्रदर्शन कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “हमने इस मामले को लेकर अधिकारियों, मंत्री, सचिव, विधायक से संपर्क किया है, लेकिन अब तक किसी ने कोई समाधान नहीं दिया।” एक अन्य अभ्यर्थी ने बताया कि शिक्षा मंत्री ने उन्हें आश्वासन दिया है कि इस मुद्दे पर बीपीएससी को एक पत्र भेजा गया है। यहां तक कि अतिरिक्त मुख्य सचिव (एसीएस) ने भी मौखिक आश्वासन दिया, लेकिन अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। उन्होंने कहा, “प्रशासन के ढीले, ढाले रवैये से हम निराश हो रहे हैं।”
एक या दो अंकों से चूके कैंडिडेट कर रहे हैं ये मांग
इस प्रदर्शन में ना सिर्फ बीपीएससी शिक्षक कैंडिडेट शामिल हुए बल्कि उनके अभिभावक भी समर्थन देने पहुंच रहे हैं। विरोध कर रहे एक अभ्यर्थी के पिता ने बताया कि जो लोग टीआरई-3 में केवल एक या दो अंकों से अर्हता प्राप्त करने से चूक गए हैं, उन्हें पूरक परिणाम के माध्यम से सफल घोषित किया जाना चाहिए। ‘अन्याय करना नीतीश सरकार का मुख्य शौक’
इस मसले पर विपक्ष के नेता
तेजस्वी यादव ने कहा कि लोकतांत्रिक तरीके से अपनी माँग रख रहे कैंडिडेट की बर्बरता से पिटाई हो रही है। यह अन्याय है और हम एनडीए की सरकार को एकजुट होकर इस बार जरूर बदल देंगे।
शिक्षा मंत्री ने पूरक परिणाम जारी करने का किया था वादा
बीपीएससी शिक्षक भर्ती प्रक्रिया का संचालन कर रहा है और टीआरई-3 के तहत कुल 87,774 पदों की घोषणा की गई थी। हालांकि, अभी तक करीब 51,000 अभ्यर्थियों को ही पोस्टिंग मिली है। शिक्षा मंत्री ने पहले पूरक परिणाम जारी करने का वादा किया था, लेकिन इसे जारी करने के लिए अभी तक कोई कदम नहीं उठाया गया है।