प्रहलाद पटेल का विवादित बयान
1 मार्च 2025 को मध्य प्रदेश के राजगढ़ जिले के सुठालिया कस्बे में स्वतंत्रता सेनानी अवंतीबाई लोधी की प्रतिमा के अनावरण समारोह के दौरान पटेल ने कहा, “जब भी कोई नेता आते हैं तो एक टोकना भरकर कागज मिलते हैं। माला पहनाएंगे तो भी एक चिट्ठी पकड़ा देंगे। ये आदत अच्छी नहीं है। लेने की बजाय देने का मानस बनाइए। मैं दावे से कहता हूँ कि आप भी सुखी होंगे और संस्कारवान समाज को खड़ा करेंगे। ये भिखारियों की फौज जमा करना… ये समाज को मजबूत करना नहीं, कमजोर करना है। मुफ्त की चीजों के लिए आकर्षित होना, वीरांगनाओं का सम्मान नहीं है।” कांग्रेस ने घेरा
पटेल ने लोगों की सरकार से माँग करने की प्रवृत्ति पर नाराजगी जताई और इसे “भीख माँगने की आदत” करार दिया। कांग्रेस ने इस बयान पर सवाल उठाए, पूछा कि पटेल किसे “भिखारी” कह रहे हैं—क्या वे लाभार्थियों, मतदाताओं या योजनाओं के हकदारों को निशाना बना रहे हैं।
PM मोदी के संबोधन: भावनात्मक जुड़ाव
- “मेरे प्यारे देशवासियों”
- कब और कहाँ: 29 दिसंबर 2024, “मन की बात” के 108वें एपिसोड में; 15 अगस्त 2024, लाल किला, दिल्ली।
- “मेरे किसान भाइयों और बहनों”
- कब और कहाँ: 24 फरवरी 2025, भागलपुर (बिहार) में पीएम-किसान योजना के तहत जनसभा।
- “माताओं-बहनों”
- कब और कहाँ: 17 सितंबर 2024, भुवनेश्वर (ओडिशा) में सुभद्रा योजना लॉन्च के दौरान।
- “नौजवानों” या “मेरे युवा मित्रों”
- कब और कहाँ: 26 जनवरी 2025, “परीक्षा पे चर्चा”, दिल्ली।
- “गरीब परिवारों के मेरे साथियों”
- कब और कहाँ: 17 दिसंबर 2023, वाराणसी में विकास भारत संकल्प यात्रा।
मुफ्त राशन योजना को पीएम मोदी ने दिया था “सुरक्षा कवच” करार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्यसभा में मुफ्त राशन योजना पर जवाब देते हुए कहा था कि, “हमारी सरकार ने 80 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन की गारंटी दी है। यह सिर्फ अनाज देना नहीं है, यह गरीब के सम्मान की बात है। हमने कोविड के समय में शुरू किया था कि कोई भूखा न सोए, और आज भी हम इसे जारी रखे हुए हैं। इसे हमने 5 साल तक बढ़ाया है, ताकि गरीब को स्थायी सहारा मिले।” उन्होंने इस योजना को गरीबों के लिए “सुरक्षा कवच” करार दिया था।
उन्होंने गरीबी से बाहर निकलने वाले लोगों के आंकड़े पर जोर देते हुए कहा, “पिछले 10 साल में 25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर निकले हैं। यह कोई छोटी बात नहीं है। ये वो लोग हैं जो आज निम्न मध्यम वर्ग में शामिल हो गए हैं। लेकिन हम उन्हें अकेला नहीं छोड़ सकते। मुफ्त राशन, मुफ्त इलाज, और सस्ता गैस सिलेंडर—ये सब इसलिए हैं ताकि वे फिर से गरीबी में न लौटें।” विपक्ष के सवालों का जवाब देते हुए कहा था कि, जो अक्सर पूछते हैं कि अगर इतने लोग गरीबी से बाहर निकल गए तो मुफ्त राशन की जरूरत क्यों है, पीएम ने कहा, “गरीबी से बाहर निकलना एक शुरुआत है, लेकिन उसे बनाए रखना बड़ी चुनौती है। हमारा लक्ष्य है कि जो ऊपर उठे हैं, वे नीचे न गिरें। इसलिए हम अनाज देते हैं और देते रहेंगे।”
मोदी के संबोधन लाभार्थियों को परिवार का हिस्सा बनाते हैं, जबकि पटेल का “भिखारी” वाला बयान उसी जनता को नकारात्मक रूप में पेश करता है, जिसे सरकार ने लाभ पहुंचाने का दावा किया। यह विवाद चर्चा में बना हुआ है, और विपक्ष इसे भाजपा के खिलाफ हथियार के रूप में इस्तेमाल कर रहा है।