अहमदाबाद विमान हादसे की जांच पर पुलिस कमिश्नर का बयान, ब्लैक बॉक्स और डीएनए सैंपल पर दिया अपडेट
Ahmedabad plane crash: पुलिस कमिश्नर ने कहा कि इस हादसे में मौतों का सटीक आंकड़ा 2-3 दिन में पतला लगेगा। उन्होंने कहा कि हादसे वाली जगह से मलबे में से करीब 100 के आसपास मोबाइल फोन भी मिले है।
Ahmedabad plane crash: अहमदाबाद प्लेन हादसे को लेकर पुलिस आयुक्त जीएस मलिक ने बड़ा अपडेट दिया है। पुलिस आयुक्त ने कहा कि हादसे की पुलिस भी अपनी जांच कर रही है,लेकिन अन्य एजेंसियां और विशेषज्ञ तकनीकी भी जांच कर रहे है, जैसे ब्लैक बॉक्स का विश्लेषण करना और जांच अभी जारी है। अब तक 222 लोगों की पहचान हो चुकी है, जिनमें से 214 लोगों की डीएनए के आधार पर पहचान हुई है, जबकि 8 की पहचान बिना डीएनए के की गई है और उनके शव को परिजनों को सौंप दिया है।
पुलिस आयुक्त ने विमान हादसे में जीवित बचे विश्वास को लेकर कहा कि विश्वास का जो बयान लिया है, उसका मोबाइल को चेक किया है। उसको सहानुभूति के आधार पर उसको हैंडल किया है।
2-3 दिन में पता लगेगा सटीक आंकड़ा
पुलिस कमिश्नर ने कहा कि इस हादसे में मौतों का सटीक आंकड़ा 2-3 दिन में पतला लगेगा। उन्होंने कहा कि हादसे वाली जगह से मलबे में से करीब 100 के आसपास मोबाइल फोन भी मिले है, जिनकी भी जांच चल रही है। बोइंग के विशेषज्ञों की भी मदद ली जा रही है।
#WATCH | #AirIndiaPlaneCrash | Gujarat | Ahmedabad Police Commissioner GS Malik says, "Police also do their part of the investigation, but other agencies and the experts do the technical part, like analysing the black box, and the investigation is underway… 222 people have been… pic.twitter.com/W2Paj5GnnV
इसी बीच व्यवसायी राजेश पटेल ने दावा किया कि बचाव कार्य में मदद करते समय उन्हें मलबे से लगभग 70 तोला सोना और लगभग 70 हजार रुपये नकद मिले, जिन्हें उन्होंने सरकारी अधिकारियों को सौंप दिया। राजेश पटेल ने कहा कि दुर्घटना मेरे घर से 300 मीटर की दूरी पर हुई। हम अपने बगल में रहने वाले एक डॉक्टर की एम्बुलेंस में घटनास्थल पर पहुंचे…जब हम दुर्घटनास्थल पर पहुंचे तो कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा था।
‘आग के कारण हमारी आंखे जल रही थी’
राजेश पटेल ने आगे कहा कि हमारे चारों ओर ईंधन और आग के कारण हमारी आंखें जल रही थीं और धुएं के कारण अंदर जाने की जगह नहीं थी। आग बुझने के बाद, हम दुर्घटनास्थल के पास पहुंचे और देखा कि हर जगह लोगों के शव पड़े थे। हमने उन लोगों को खोजने की कोशिश की जो जीवित थे ताकि हम उन्हें अस्पताल ले जा सकें। लेकिन उस दृश्य को देखने के बाद, यह स्पष्ट था कि कोई भी जीवित नहीं बचा हो सकता है। पूरे विमान का मलबा और शव एक ढेर में पड़े थे।
उन्होंने कहा कि हमने पुरानी साड़ियों, दुपट्टों और गेहूं के लत्ता का उपयोग करके शवों को इकट्ठा करने में मदद की…सभी शवों को बरामद करने के बाद, हमने सोचा कि जब हम किसी को नहीं बचा सकते, तो हमें कम से कम उनके सामान का ख्याल रखना चाहिए। हमें मलबे में ब्रिटिश पासपोर्ट, भारतीय पासपोर्ट, जले हुए मोबाइल, लैपटॉप और आईपैड मिले। हमें एक यात्री का मोबाइल अभी भी चालू मिला, जिसकी स्क्रीन टूटी हुई थी और फोन काम नहीं कर रहा था। हमें बहुत सारे गहने मिले। 70-80 तोला सोना। हमने उसे वहाँ के अधिकारी को दे दिया।
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