कर्तव्य पथ पर भव्य परेड और सलामी
कर्तव्य पथ पर आयोजित इस समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने परेड का नेतृत्व करने वाले परेड कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल भवनीश कुमार और परेड सेकेंड-इन-कमांड मेजर जनरल सुमित मेहता से सलामी ली। परेड में भारत की विविधता और सैन्य कौशल का शानदार संगम देखने को मिला। सेना, नौसेना और वायुसेना की टुकड़ियों ने अपने अनुशासन और ताकत का प्रदर्शन किया।
राफेल और ब्रह्मोस ने बिखेरी चमक
इस वर्ष की परेड का मुख्य आकर्षण भारतीय सेना की उन्नत क्षमताओं का प्रदर्शन था। परेड में छह राफेल विमानों ने वज्रांग फॉर्मेशन में उड़ान भरी। इसके अलावा, त्रिशूल फॉर्मेशन में तीन सुखोई-30 विमानों ने आसमान को गौरवान्वित किया। विजय फॉर्मेशन में एक राफेल विमान ने 900 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से केवल 300 मीटर की ऊंचाई पर उड़ान भरी, जो अद्वितीय शक्ति और नियंत्रण का प्रतीक है। ब्रह्मोस मिसाइल, पराक्रमी पिनाका रॉकेट सिस्टम और अन्य अत्याधुनिक हथियार प्रणालियों ने भी परेड की शोभा बढ़ाई। संस्कृति और एकता का प्रदर्शन
परेड में भारत की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर को भी उतनी ही भव्यता से प्रस्तुत किया गया। विभिन्न राज्यों की झांकियों ने भारत की विविधता और एकता का अनूठा उदाहरण पेश किया। पारंपरिक नृत्य, संगीत और लोक कलाओं ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। इस वर्ष की झांकियों में उत्तराखंड, राजस्थान और तमिलनाडु की परंपराओं को विशेष रूप से सराहा गया।
राष्ट्र की ताकत और गौरव का दिन
कर्तव्य पथ पर परेड के दौरान देश की सैन्य शक्ति और सांस्कृतिक समृद्धि का अद्भुत संगम देखने को मिला। इस भव्य आयोजन ने भारत की अखंडता, संप्रभुता और प्रगति का उत्सव मनाया। गणतंत्र दिवस का यह समारोह न केवल देशवासियों में देशभक्ति का संचार करता है, बल्कि विश्व मंच पर भारत की ताकत और संस्कृति का संदेश भी देता है।