दान पेटी में मिले मकान के कागज
24 जून को मंदिर समिति के अधिकारी हुंडियों (दान पेटी) की जांच कर रहे थे। उस दौरान उन्हें मकान के कागज मिले। मंदिर समिति के अधिकारी कागज देखकर हैरान रह गए। कागजों के साथ एक पत्र भी था। जिसमें सेवानिवृत्त सेना अधिकारी एस विजयन ने लिखा कि वह स्वेच्छा से मंदिर को अपनी संपत्ति दान कर रहे हैं। विजयन केशवपुरम गांव के रहने वाले हैं। वह बचपन से ही इस मंदिर में पूजा करते आ रहे हैं। अपनी पत्नी वी कस्तूरी से मतभेद होने की वजह से वह करीब 10 साल से अकेले रह रहे हैं। उन्होंने बताया कि उनकी दो बेटियां हैं। दोनों विवाहित हैं। एक चेन्नई में और दूसरी वेल्लोर में रहती हैं। उन्हें दोनों बेटियों से कोई सहायता नहीं मिलती है। उनकी बेटियां उन पर संपत्ति अपने नाम करने के लिए दवाब डाल रही थीं। वह दैनिक खर्चों के लिए भी अपमानित करती थीं। उन्होंने कहा कि अब मैं अपनी पूरी संपत्ति उस मंदिर को सौंप रहा हूं। जिसने मुझे आजीवन संबल दिया है।
क्या मंदिर की हो जाएगी संपत्ति
मंदिर के कार्यकारी अधिकारी एम सिलंबरासन ने कहा कि सिर्फ दस्तावेजों को हुंडियों में डालने से विजयन की संपत्ति मंदिर की नहीं हो जाएगी। जबतक दानकर्ता विधिवत रूप से अपनी संपत्तियों को मंदिर को ट्रांसफर नहीं कर देते हैं। अभी ये दस्तावेज हिंदू धर्मार्थी विभाग के पास सुरक्षित हैं। मामला उजागर होने के बाद विजयन की दोनों बेटियां संपत्ति हासिल करने में जुटी हुई हैं, जबकि विजयन ने कहा कि मैं अपने वचन से पीछे नहीं हटूंगा। मंदिर समिति से बात करके कानूनी प्रक्रिया पूरी करूंगा।