‘जो भारत की प्रकृति के साथ नहीं रह सकते उन्होंने पाकिस्तान बना लिया’
RSS चीफ मोहन भागवत ने भारत की अपनी विशेष प्रकृति के बारे में बात करते हुए और पाकिस्तान के गठन का संदर्भ उन लोगों के समूह के रूप में दिया जो देश की प्रकृति से सहमत नहीं थे। मोहन भागवत ने टिप्पणी करते हुए कहा, “भारत केवल एक भूगोल नहीं है, जो समय-समय पर बदल सकता है। जिन्होंने सोचा कि वे भारत की प्रकृति और स्वभाव के साथ नहीं रह सकते उन्होंने अपना देश (पाकिस्तान) बना लिया।”हिंदुओं ने हमेशा दुनिया की विविधता को स्वीकार किया है- भागवत
भारत की प्राचीन प्रकृति पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि यह स्वतंत्र भारत के निर्माण से भी पुराना है। उन्होंने कहा,“जो लोग नहीं गए, इससे समझ में आता है कि वे सभी भारत का स्वभाव को जानते हैं, उसको चाहते हैं और वह स्वभाव आज का नहीं है न ही 15 अगस्त 1947 (भारतीय स्वतंत्रता) को बना है। यह उससे भी अधिक प्राचीन है।” मोहन भागवत ने कहा, RSS को जानना है तो संघ के करीब आइए, इसमें पैसा नहीं लगता है। दुनिया को आखिरकार एहसास हो गया है कि हिंदुओं ने हमेशा दुनिया की विविधता को स्वीकार किया है।’