जीडीपी का छह प्रतिशत हिस्सा शिक्षा के लिए होना चाहिए
उन्होंने बजट पर पूछे गए एक अन्य सवाल के जवाब में कहा, “अगर आप दिल्ली या बिहार से हैं, मध्यम वर्ग से आते हैं, और आपको एक लाख का वेतन मिल रहा है, तो आप खुश होंगे, लेकिन अगर आप रोजगार की तलाश कर रहे हैं तो यह सोचने वाली बात है। थरूर ने कहा कि रक्षा बजट को प्राथमिकता देना सही है, लेकिन अन्य गैर-जरूरी मदों में कटौती कर शिक्षा पर जीडीपी का कम से कम छह प्रतिशत खर्च करने का प्रावधान किया जाना चाहिए?, यह हर सरकार के कार्यकाल में कहा जाता है और मैं जब मंत्री था तो मैं भी यही कहता था। सन 1948 से ही हम कह रहे हैं कि जीडीपी का छह प्रतिशत हिस्सा शिक्षा के लिए होना चाहिए, लेकिन अब तक यह केवल 4.8 प्रतिशत तक ही पहुंचा है और इसे आगे बढ़ाने की कोशिश करना चाहिए।
सरकार कुछ लोगों को लाभ पहुंचाने की कोशिश कर रही
उन्होंने कहा कि पहले सरकार ने 10,000 करोड़ रुपये के रोजगार सृजन की बात कही थी, लेकिन फिर इसे घटा कर 6,000 करोड़ रुपये कर दिया, इसका कोई समाधान नहीं है.।सिर्फ इस ओर ध्यान देना चाहिए। यह सरकार कुछ लोगों को लाभ पहुंचाने की कोशिश कर रही है, इससे एक बड़े वर्ग को नुकसान हो रहा है। थरूर ने कहा कि महाकुंभ में सरकार को अच्छी व्यवस्था करना चाहिए। दरअसल देश में विरोधाभास हैं, सरकार कुंभ के लिए जिम्मेदारी पूरी करे।
बजट के दिन जेएलएफ में लोगों की जबरदस्त भीड़
उन्होंने कहा कि मैं जेएलएफ में लंबे समय से लगातार आ रहा हूं। पहले यह डिग्गी पैलेस में होता था, शायद पहला या दूसरा जेएलएफ था जब मैं आया था और उसमें सौ लोग मौजूद थे। यह मेला कुंभ मेले की तरह था। यह बहुत उत्साहजनक कार्यक्रम है, जिसमें लोग आते हैं और एक फरवरी को मोदी के बजट के दिन भी जेएलएफ में लोगों की जबरदस्त भीड़ थी।
हिन्दी में ज्यादा अच्छा नहीं लिख पाऊंगा
उन्होंने किताबें या कॉलम हिन्दी में लिखने के सवाल पर कहा कि आजकल एक भाषा से दूसरी भाषा में अनुवाद अच्छा हो रहा है। भारत की हर भाषा की किताब का हर भाषा में अनुवाद होना चाहिए। आजकल तो एआई से आसानी से अनुवाद हो जाता है। ऐसा कर के बहुत सारी किताबे छाप सकते हैं। मैं मानता हूं कि भाषा बाधक नहीं है और मेरी हिन्दी तो आप देख ही रहे हैं। मैं समझता हूं कि हिन्दी में ज्यादा अच्छा नहीं लिख पाऊंगा।
जेएलएफ ने किताबों को ग्लैमराइज कर दिया
उन्होंने कहा कि इक्कीसवीं सदी में फेक न्यूज और अपरिपक्व इतिहास ने सब कबाड़ा कर दिया है। जबकि जेएलएफ ने किताबों को ग्लैमराइज कर दिया है। मुझे यह देख कर अच्छा लगा कि जेएलएफ में किताबों को सजा कर रखा जाता है और मेरी किताबें भी सजी हुई हैं। खुशी हुई कि मेरी किताबों पर मुझसे साइन करवाने वाले भी बहुत प्रशंसक आए।
शशि थरूर की किताबें : एक नजर
शशि थरूर की कई किताबें हैं, जिनमें राजनीति, इतिहास, समाज और संस्कृति से संबंधित विषयों पर विचार किया गया है। उनकी कुछ चुनिंदा किताबें ये हैं: Rising Star: The Making of Narendra Modi
इस किताब में थरूर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राजनीतिक करियर का विश्लेषण किया है और उनके व्यक्तित्व के कई पहलुओं पर लिखा है।
Pax Indica: India and the World of the 21st Century
थरूर ने इस किताब में भारत की विदेश नीति और अंतरराष्ट्रीय संबंधों के बारे में चर्चा की है। The Elephant, the Tiger, and the Cell Phone: India in the 21st Century
इस किताब में थरूर ने भारत के सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक बदलावों पर चर्चा की है और इसे एक नई दृष्टि से प्रस्तुत किया है।
An Era of Darkness: The British Empire in India
इस किताब में उन्होंने ब्रिटिश साम्राज्य के भारत पर पड़े प्रभाव और भारत की गुलामी के दौर के बारे में विस्तार से लिखा है। Why I am a Hindu
इस किताब में थरूर ने हिन्दू धर्म, धर्म की विविधता और भारत में इसके वर्तमान परिप्रेक्ष्य पर अपने विचार लिखे हैं।
The Great Indian Novel
यह एक ऐतिहासिक उपन्यास है, जिसमें महाभारत की कथाओं को भारतीय स्वतंत्रता संग्राम और राजनीति के संदर्भ में प्रस्तुत किया गया है। The Battle of Belonging
इस किताब में थरूर ने भारत के विविधतापूर्ण समाज और ‘राष्ट्रीय पहचान’ के सवाल पर विचार किया है।