देर होने के कारण हालत बिगड़ गई और उन्होंने दम तोड़ दिया
अस्पताल में परिजनों ने डॉक्टरों को सांप दिखाया। डॉक्टरों ने तुरंत महिला का इलाज शुरू किया, लेकिन देर होने के कारण उनकी हालत बिगड़ गई और उन्होंने दम तोड़ दिया। इस दौरान परिजन डब्बे में बंद सांप अपने पास रखे रहे, जिससे अस्पताल के कर्मचारियों में डर का माहौल बना रहा।
लोगों की प्रतिक्रिया और विशेषज्ञों की राय
घटना के बाद सोशल मीडिया और स्थानीय लोगों में इस पर तीखी प्रतिक्रियाएं देखने को मिलीं। लोगों ने जहां परिजनों की सतर्कता की सराहना की, वहीं स्वास्थ्य व्यवस्था पर भी सवाल उठाए।
अस्पताल में फौरन ट्रीटमेंट मिल जाता तो शायद जान बच सकती थी
स्थानीय निवासी संतोष यादव ने कहा, “परिजनों ने समझदारी दिखाई कि सांप को पकड़कर लाए, ताकि डॉक्टर सही इलाज कर सकें, लेकिन अगर अस्पताल में फौरन ट्रीटमेंट मिल जाता तो शायद जान बच सकती थी।”
कई बार लोग सांप पहचान नहीं पाते, इसलिए इलाज में समय लग जाता है
सर्प विशेषज्ञ डॉ. अजय मिश्रा कहते हैं, “भारत में कई बार लोग सांप को पहचान नहीं पाते, इसलिए इलाज में समय लग जाता है। लेकिन सांप को साथ लाना कभी-कभी उपयोगी भी हो सकता है, हालांकि ये आम जनता के लिए खतरनाक है।”
अब क्या? प्रशासन और अस्पताल की प्रतिक्रिया का इंतजार
इस घटना ने सहरसा जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग को झकझोर दिया है। अब सबकी निगाहें इस पर हैं कि: क्या अस्पताल प्रशासन इस मामले की जांच करेगा? क्या समय पर इलाज न मिल पाने पर किसी की जिम्मेदारी तय की जाएगी? क्या सर्पदंश के मामलों के लिए विशेष ट्रेनिंग या इमरजेंसी व्यवस्था की जाएगी? स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों के अनुसार, ऐसी घटनाओं से सबक लेते हुए सर्पदंश की त्वरित पहचान और इलाज की व्यवस्था को मजबूत किया जा सकता है।
सांप का लाना: डर, समझदारी या अंधविश्वास ?
परिजनों द्वारा सांप को साथ लाना कई सवाल खड़े करता है: क्या यह मेडिकल निर्णय में मदद करता है? या यह एक डर या अंधविश्वास से उपजा कदम है?
एक जागरूक और उपयोगी कदम
कुछ लोग इसे अंधविश्वास बता रहे हैं कि “जिसने काटा, उसे साथ लाना जरूरी है”, जबकि कुछ इसे एक जागरूक और उपयोगी कदम मानते हैं, जिससे ज़हर की पहचान हो सके।
उन्हें खुद खतरा हो सकता है
विशेषज्ञ मानते हैं कि सांप की प्रजाति जानने से सही एंटी-वेनम चुनने में मदद मिलती है, लेकिन आम लोगों को इसे पकड़ने की कोशिश नहीं करनी चाहिए। इससे उन्हें खुद खतरा हो सकता है। बहरहाल यह घटना एक दर्दनाक चेतावनी है कि सर्पदंश को लेकर हमारे समाज में जागरूकता, स्वास्थ्य सेवाओं की तत्परता और वैज्ञानिक सोच–तीनों की अभी भी बहुत जरूरत है।