scriptधरती पर लौटने में बचे थे सिर्फ 16 मिनट.. और ऐसे क्रैश कर गया था कल्पना चावला का स्पेसक्राफ्ट कोलंबिया | Sunita Williams is returning to Earth know why people remembered Kalpana Chawla's mission 22 years ago | Patrika News
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धरती पर लौटने में बचे थे सिर्फ 16 मिनट.. और ऐसे क्रैश कर गया था कल्पना चावला का स्पेसक्राफ्ट कोलंबिया

Sunita Williams – Kalpana Chawla: 17 मार्च को कल्पना चावला की जयंती थी आज सुनीता विलियम्स धरती पर वापसी के लिए उड़ान भर चुकीं हैं।

भारतMar 18, 2025 / 03:11 pm

Anish Shekhar

Sunita Williams – Kalpana Chawla: भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स की धरती पर वापसी की खबर ने एक बार फिर लोगों के दिलों में हलचल पैदा कर दी है। लगभग नौ महीने तक अंतरिक्ष में रहने के बाद, सुनीता अब नासा और स्पेसएक्स के संयुक्त प्रयास से 12 मार्च 2025 को शुरू हुए मिशन के जरिए पृथ्वी पर लौट रही हैं। लेकिन उनकी यह वापसी सिर्फ एक अंतरिक्ष यात्री की घर वापसी की कहानी नहीं है, बल्कि इसके साथ जुड़ गई है एक और भारतीय मूल की बेटी, कल्पना चावला की यादें। 22 साल पहले, 1 फरवरी 2003 को कल्पना चावला का अंतरिक्ष यान कोलंबिया धरती पर लौटते वक्त हादसे का शिकार हो गया था, जिसमें उनकी और छह अन्य अंतरिक्ष यात्रियों की जान चली गई थी। उनकी जयंती, जो 17 मार्च को मनाई जाती है, इस घटना को और भी भावनात्मक बना देती है।

8 दिन का मिशन 9 महीने का बन गया

सुनीता विलियम्स का मिशन मूल रूप से जून 2024 में बोइंग स्टारलाइनर के साथ शुरू हुआ था, जो सिर्फ 8 दिन का होना था। लेकिन तकनीकी खराबी, जैसे हीलियम लीक और थ्रस्टर की समस्या, ने उन्हें और उनके साथी बुच विल्मोर को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) पर फंसा दिया। नासा ने सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए स्टारलाइनर को खाली वापस भेजा और सुनीता की वापसी को फरवरी-मार्च 2025 तक टाल दिया। उनकी यह लंबी अनिश्चितता भरी यात्रा लोगों को कल्पना चावला की उस ट्रैजिक वापसी की याद दिला रही है, जब वह अपने मिशन के बाद धरती से महज 16 मिनट दूर थीं, लेकिन एक भयानक हादसे ने सब कुछ छीन लिया।

क्या हुआ था कल्पना चावला के शटल के साथ?

कल्पना चावला ने 16 जनवरी 2003 को शुरू हुए अपने दूसरे मिशन (STS-107) में 16 दिन अंतरिक्ष में बिताए थे। वह भारत की पहली महिला अंतरिक्ष यात्री थीं, जिन्होंने 1997 में अपनी पहली सफल उड़ान के बाद दुनिया भर में नाम कमाया था। लेकिन उनकी दूसरी यात्रा का अंत दुखद रहा। कोलंबिया शटल के बाएं विंग में फोम के टुकड़े से हुए नुकसान ने वायुमंडलीय गैसों को अंदर घुसने दिया, जिससे शटल टूट गया और आग का गोला बनकर अमेरिका के टेक्सास और लुइसियाना के ऊपर बिखर गया। यह हादसा अंतरिक्ष इतिहास का एक काला अध्याय बन गया। उनकी जयंती, 17 मार्च, जो इस साल सुनीता की वापसी के समय के करीब है, लोगों के लिए एक संयोग बनकर सामने आई है, जिसने भावनाओं को और गहरा कर दिया।
नासा ने इस बार सावधानी बरतते हुए सुनीता और बुच को स्पेसएक्स के क्रू ड्रैगन के जरिए वापस लाने का फैसला किया है। यह कदम कल्पना के हादसे से लिए गए सबक को दर्शाता है, जब नासा पर जल्दबाजी और खामियों को नजरअंदाज करने के आरोप लगे थे। सुनीता ने हाल ही में आईएसएस से कहा, “मैं अंतरिक्ष के हर पल को याद करूंगी।”

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