8 दिन का मिशन 9 महीने का बन गया
सुनीता विलियम्स का मिशन मूल रूप से जून 2024 में बोइंग स्टारलाइनर के साथ शुरू हुआ था, जो सिर्फ 8 दिन का होना था। लेकिन तकनीकी खराबी, जैसे हीलियम लीक और थ्रस्टर की समस्या, ने उन्हें और उनके साथी बुच विल्मोर को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) पर फंसा दिया। नासा ने सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए स्टारलाइनर को खाली वापस भेजा और सुनीता की वापसी को फरवरी-मार्च 2025 तक टाल दिया। उनकी यह लंबी अनिश्चितता भरी यात्रा लोगों को कल्पना चावला की उस ट्रैजिक वापसी की याद दिला रही है, जब वह अपने मिशन के बाद धरती से महज 16 मिनट दूर थीं, लेकिन एक भयानक हादसे ने सब कुछ छीन लिया।
क्या हुआ था कल्पना चावला के शटल के साथ?
कल्पना चावला ने 16 जनवरी 2003 को शुरू हुए अपने दूसरे मिशन (STS-107) में 16 दिन अंतरिक्ष में बिताए थे। वह भारत की पहली महिला अंतरिक्ष यात्री थीं, जिन्होंने 1997 में अपनी पहली सफल उड़ान के बाद दुनिया भर में नाम कमाया था। लेकिन उनकी दूसरी यात्रा का अंत दुखद रहा। कोलंबिया शटल के बाएं विंग में फोम के टुकड़े से हुए नुकसान ने वायुमंडलीय गैसों को अंदर घुसने दिया, जिससे शटल टूट गया और आग का गोला बनकर अमेरिका के टेक्सास और लुइसियाना के ऊपर बिखर गया। यह हादसा अंतरिक्ष इतिहास का एक काला अध्याय बन गया। उनकी जयंती, 17 मार्च, जो इस साल सुनीता की वापसी के समय के करीब है, लोगों के लिए एक संयोग बनकर सामने आई है, जिसने भावनाओं को और गहरा कर दिया। नासा ने इस बार सावधानी बरतते हुए सुनीता और बुच को स्पेसएक्स के क्रू ड्रैगन के जरिए वापस लाने का फैसला किया है। यह कदम कल्पना के हादसे से लिए गए सबक को दर्शाता है, जब नासा पर जल्दबाजी और खामियों को नजरअंदाज करने के आरोप लगे थे। सुनीता ने हाल ही में आईएसएस से कहा, “मैं अंतरिक्ष के हर पल को याद करूंगी।”