क्या लिखा पत्र में
टी राजा सिंह ने अपने इस्तीफे में बीजेपी के तेलंगाना प्रदेश अध्यक्ष जी किशन रेड्डी को संबोधित पत्र में लिखा कि रामचंदर राव की नियुक्ति का फैसला उनके लिए “आघात और निराशा” का कारण बना। उन्होंने कहा कि यह निर्णय न केवल उनके लिए, बल्कि लाखों कार्यकर्ताओं, नेताओं और मतदाताओं के लिए भी निराशाजनक है, जो पार्टी के लिए हर परिस्थिति में खड़े रहे।
केंद्रीय नेतृत्व को लोग कर रहे गुमराह
विधायक राजा सिंह ने आरोप लगाया कि कुछ लोग निजी स्वार्थों के चलते केंद्रीय नेतृत्व को गुमराह कर रहे हैं और पर्दे के पीछे से निर्णय ले रहे हैं। उनके अनुसार, तेलंगाना में बीजेपी के पास पहली बार सरकार बनाने का अवसर था, लेकिन गलत नेतृत्व के चयन ने इस संभावना को खतरे में डाल दिया।
केंद्रीय नेतृत्व से की अपील
उन्होंने अपने पत्र में केंद्रीय नेतृत्व से अपील की कि वे तेलंगाना में नेतृत्व के मुद्दे पर पुनर्विचार करें। राजा सिंह ने जोर देकर कहा कि वह हिंदुत्व की विचारधारा और गोशामहल के लोगों की सेवा के लिए प्रतिबद्ध रहेंगे, भले ही वे अब बीजेपी का हिस्सा न हों। 2018 में भी दे चुके हैं इस्तीफा
बता दें कि यह पहली बार नहीं है जब टी राज सिंह ने भारतीय जनता पार्टी से इस्तीफा दिया है। इससे पहले भी टी राजा बीजेपी से इस्तीफा दे चुके हैं। साल 2018 में उन्होंने गौ रक्षा के मुद्दे पर बीजेपी से समर्थन नहीं मिलने के हवाला देते हुए पार्टी से इस्तीफा दिया था। हालांकि उस समय पार्टी ने टी राजा सिंह का इस्तीफा स्वीकार नहीं किया था।