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धोनी ने Captain Cool का ट्रेडमार्क कराया, कॉपीराइट क्यों नहीं ? जानिए बड़ा कारण और दोनों में फर्क

MS Dhoni Captain Cool Trademark : एमएस धोनी ने अपने उपनाम ‘कैप्टन कूल’ को ट्रेडमार्क कराया है ताकि वह इसे कानूनी रूप से ब्रांड के रूप में इस्तेमाल कर सकें।

भारतJun 30, 2025 / 10:08 pm

M I Zahir

MS Dhoni

MS Dhoni (Photo Credit- IANS)

MS Dhoni Captain Cool Trademark: भारत के महान क्रिकेटर महेंद्र सिंह धोनी ( MS Dhoni) ने अपने फैंस के बीच लोकप्रिय उपनाम कैप्टेन कूल (Captain Cool) को अब कानूनी तौर पर ट्रेडमार्क करा लिया है। यह वही नाम है जिससे लोग उन्हें मैदान पर उनके शांत स्वभाव और दबाव में बेहतरीन फैसलों के लिए पहचानते हैं। धोनी की कानूनी टीम ने ट्रेडमार्क रजिस्ट्री (trademark registry) में इसका आवेदन दायर किया था, जिसे अब 16 जून 2025 को स्वीकृत और प्रकाशित भी कर दिया गया है। उन्होंने कॉपीराइट नहीं कराया, क्योंकि यह नाम रचनात्मक सामग्री नहीं, बल्कि ब्रांड पहचान का हिस्सा है।

इसके ट्रेडमार्क की जरूरत क्यों पड़ी ?

धोनी अब इस नाम को खेल प्रशिक्षण, कोचिंग सेंटर और अन्य सेवाओं में व्यवसायिक रूप से उपयोग करना चाहते हैं। इसलिए इसे ट्रेडमार्क कराना जरूरी था ताकि कोई दूसरा व्यक्ति या संस्था इस नाम का दुरुपयोग न कर सके।

उन्होंने कॉपीराइट क्यों नहीं कराया ?

कैप्टेन कूल Captain Cool एक नाम या टैगलाइन है, ना कि कोई गाना, लेख, किताब या कलाकृति। इसलिए इसे कॉपीराइट नहीं किया जा सकता, क्योंकि कॉपीराइट केवल रचनात्मक (creative) कामों को ही सुरक्षा देता है। जबकि ट्रेडमार्क नाम, लोगो, स्लोगन या टैगलाइन की ब्रांड पहचान को सुरक्षित करता है। यही कारण है कि धोनी ने कॉपीराइट नहीं बल्कि ट्रेडमार्क का चयन किया।

आखिर क्या रही चुनौती ?

शुरुआत में रजिस्ट्री ने आपत्ति जताई कि ‘Captain Cool’ जैसा शब्द पहले से किसी और द्वारा उपयोग में है और यह धारा 11(1) के अंतर्गत भ्रम पैदा कर सकता है, लेकिन धोनी की वकील मानसी अग्रवाल ने यह स्पष्ट किया कि यह नाम धोनी से वर्षों से जुड़ा रहा है और इसका व्यापक उपयोग उनके व्यक्तित्व के लिए होता रहा है।

धोनी की ब्रांड वैल्यू और नाम का असर

कैप्टेन कूल Captain Cool सिर्फ एक नाम नहीं, बल्कि धोनी की ब्रांड वैल्यू और छवि का प्रतीक बन चुका है। यह मामला बताता है कि आज के दौर में बड़े सितारे अपने नाम और पहचान को कानूनी सुरक्षा देकर व्यापारिक लाभ भी लेते हैं।

क्या धोनी अब अपने नाम से ब्रांड या प्रॉडक्ट लॉन्च करेंगे ?

अब जब ‘Captain Cool’ धोनी के नाम पर ट्रेडमार्क हो चुका है, तो सवाल यह है कि क्या वे जल्द ही इस नाम से जुड़ी कोई कोचिंग एकेडमी, परफ्यूम लाइन, कपड़ों का ब्रांड या डिजिटल प्रोडक्ट लॉन्च करने जा रहे हैं? सूत्रों के मुताबिक, धोनी की टीम कुछ इंटरनेशनल ब्रांड्स के साथ को-ब्रांडिंग की संभावनाएं तलाश रही है।

 ट्रेडमार्क और कॉपीराइट में क्या अंतर है?

विषयट्रेडमार्क (Trademark)कॉपीराइट (Copyright)
क्या सुरक्षित करता हैनाम, लोगो, टैगलाइन, ब्रांड पहचानलेख, गाना, किताब, फिल्म, आर्ट, सॉफ़्टवेयर आदि (सृजन)
उदाहरणNike का “Just Do It”, McDonald’s का “M” लोगोकोई गीत, कविता, मूवी स्क्रिप्ट, फोटोग्राफ आदि
क्यों किया जाता हैब्रांड या प्रोडक्ट की पहचान को सुरक्षित रखने के लिएकिसी रचनात्मक काम के मालिकाना हक़ के लिए
कौन करता हैबिज़नेस, ब्रांड्स, सेलिब्रिटीकलाकार, लेखक, संगीतकार, फ़ोटोग्राफर आदि
रजिस्ट्रेशन जरूरी?कानूनी लाभ के लिए रजिस्ट्रेशन बेहतर है (भारतीय TM Act)बिना रजिस्ट्रेशन भी कॉपीराइट बनता है (Copyright Act)

आजकल खेल सितारों का ट्रेडमार्क ट्रेंड बढ़ रहा है

धोनी से पहले भी कई बड़े खिलाड़ियों ने अपने नाम, जर्सी नंबर या उपनाम को ट्रेडमार्क कराया है:
सचिन तेंदुलकर – “SRT” और “Tendulkar”
विराट कोहली – “One8”
युवराज सिंह – “YouWeCan”
नेयमार, मेसी जैसे फुटबॉलर भी अपने नाम को ब्रांड बना चुके हैं।
इससे यह बात साफ़ है कि अब खिलाड़ी सिर्फ मैदान तक सीमित नहीं, बल्कि ब्रांड वैल्यू और व्यावसायिक पहचान को लेकर भी जागरुक हो गए हैं।
इनपुट क्रेडिट: धोनी की वकील मानसी अग्रवाल का आधिकारिक बयान, ट्रेडमार्क जर्नल डेटा और स्पेशल रजिस्ट्रेशन रिकॉर्ड।

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