script1962, 1965 और 1971 के युद्धों में इस्तेमाल हुई हवाई पट्टी दलालों ने बेच डाली, मामला पहुंचने पर हाई कोर्ट हुआ हैरान | The airstrip used in the wars of 1962, 1965 and 1971 was sold by brokers, the High Court was surprised when the matter reached | Patrika News
राष्ट्रीय

1962, 1965 और 1971 के युद्धों में इस्तेमाल हुई हवाई पट्टी दलालों ने बेच डाली, मामला पहुंचने पर हाई कोर्ट हुआ हैरान

कोर्ट में निशान सिंह ने याचिका दायर की थी। याचिका में शख्स ने सीबीआई या किसी स्वतंत्र एजेंसी से जांच कराने की मांग की गई थी।

चण्डीगढ़ हरियाणाMay 03, 2025 / 06:39 pm

Ashib Khan

file photo

पंजाब के फिरोजपुर में फत्तूवाला गांव स्थित हवाई पट्टी को दलालों द्वारा बेचने का मामला सामने आया है। इस हवाई पट्टी का भारतीय सेना ने 1962, 1965 और 1971 के युद्धों में इस्तेमाल किया था। हवाई पट्टी को दलालों द्वारा बेचने के मामले में पंजाब- हरियाणा हाई कोर्ट ने कड़ा रुख अपनाया है। इस मामले में पंजाब सतर्कता ब्यूरो के निदेशक को कोर्ट ने आरोपों की जांच करने का आदेश दिया है। साथ ही कोर्ट ने जरूरत पड़ने पर कार्रवाई करने को भी कहा है। 

संबंधित खबरें

याचिका में एजेंसी से जांच कराने की मांग

दरअसल, इस मामले में कोर्ट में निशान सिंह ने याचिका दायर की थी। याचिका में शख्स ने सीबीआई या किसी स्वतंत्र एजेंसी से जांच कराने की मांग की गई थी। इस याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने सख्त आदेश दिया है। 

कोर्ट ने जताई नाराजगी

कोर्ट ने फिरोजपुर के डिप्टी कमिश्नर की लापरवाही पर नाराजगी जताई, इसे “राष्ट्रीय रक्षा से जुड़े मामले में अक्षम्य” बताया। कोर्ट ने पहले 21 दिसंबर 2023 को छह महीने में जांच पूरी करने का आदेश दिया था, लेकिन कार्रवाई में देरी के कारण अब अगली सुनवाई 3 जुलाई 2025 को होगी। 

‘माफ करने लायक नहीं ढिलाई’

कोर्ट ने कहा कि फिरोजपुर के डिप्टी कमिश्नर ने राष्ट्रीय रक्षा से जुड़ी जमीन के मामले में जो ढिलाई दिखाई है। वह चौकाने वाली और माफ करने लायक नहीं है। जस्टिस ने आगे कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि देश की रक्षा के लिए तैनात सेना को राज्यपाल से गुहार लगानी पड़ी।
यह भी पढ़ें

बॉर्डर पार शौहर मेरा इंतजार कर रहे हैं, BSF ने कहा- आप हिंदुस्तानी हैं, नहीं जाने दे सकते

1937-38 में भारत सरकार ने खरीदा था

बता दें कि यह मामला तब सामने आया जब 1997 में राजस्व रिकॉर्ड में हेराफेरी का पता चला, जिसमें फिरोजपुर के फत्तूवाला गांव की हवाई पट्टी को धोखाधड़ी से निजी व्यक्तियों के नाम पर बेच दिया गया था। इसे 1937-38 में भारत सरकार ने खरीदा था। वहीं याचिका में बताया गया कि जमीन के असली मालिक की 1991 में मृत्यु हो गई थी। इसके बाद 2009-10 में राजस्व रिकॉर्ड में कुछ प्राइवेट लोगों के नाम दर्ज कर दिए गए। जबकि भारतीय सेना ने कभी भी इस जमीन का कब्जा नहीं छोड़ा। इस जमीन का भारतीय सेना आज भी लैंडिंग ग्राउंड के तौर पर इस्तेमाल कर रही है। 

Hindi News / National News / 1962, 1965 और 1971 के युद्धों में इस्तेमाल हुई हवाई पट्टी दलालों ने बेच डाली, मामला पहुंचने पर हाई कोर्ट हुआ हैरान

ट्रेंडिंग वीडियो