जेल से हैप्पी सिंह ने बनवाया कनेक्शन
पंजाब पुलिस के अनुसार, यह जासूसी नेटवर्क अमृतसर की सेंट्रल जेल में बंद हरप्रीत सिंह उर्फ हैप्पी सिंह के जरिए संचालित हो रहा था। हैप्पी सिंह ने जेल से ही इन जासूसों को ISI के हैंडलर्स से जोड़ा।
पुलिस ने इस मामले में गहन जांच शुरू कर दी है और जासूसों से पूछताछ के आधार पर और भी खुलासे होने की संभावना है।
जासूसी का तरीका
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, पलक शेर मसीह और सूरज मसीह सोशल मीडिया और अन्य डिजिटल माध्यमों का इस्तेमाल कर संवेदनशील जानकारी
ISI तक पहुंचा रहे थे। ये जासूस सेना की गतिविधियों, एयरबेस की स्थिति और अन्य रणनीतिक स्थानों की तस्वीरें खींचकर पाकिस्तानी हैंडलर्स को भेजते थे। जांच में पता चला है कि यह नेटवर्क लंबे समय से सक्रिय था और ISI के इशारे पर देश की सुरक्षा को खतरे में डाल रहा था।
पंजाब पुलिस की सतर्कता
पंजाब पुलिस ने इस मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए दोनों जासूसों को हिरासत में लिया। पुलिस ने उनके पास से कई इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस और अन्य साक्ष्य बरामद किए हैं, जिनका विश्लेषण किया जा रहा है। पंजाब पुलिस के डीजीपी ने कहा, “हमारी टीम ने देश की सुरक्षा को खतरा पहुंचाने वाली इस साजिश को नाकाम कर दिया है। हम इस नेटवर्क के सभी सदस्यों को जल्द से जल्द पकड़ लेंगे।”
NIA और अन्य एजेंसियों की भूमिका
इस मामले की गंभीरता को देखते हुए राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) और अन्य केंद्रीय एजेंसियों को भी जांच में शामिल किया गया है। NIA ने हाल ही में पहलगाम आतंकी हमले की जांच में भी ISI और लश्कर-ए-तैयबा के बीच गहरे संबंधों का खुलासा किया था, जिससे इस जासूसी कांड का महत्व और बढ़ जाता है।
देश की सुरक्षा के लिए खतरा
यह घटना एक बार फिर पाकिस्तान की ओर से भारत की आंतरिक सुरक्षा को अस्थिर करने की साजिश को उजागर करती है। विशेषज्ञों का मानना है कि ISI लगातार भारतीय युवाओं को लालच और धोखे से जासूसी के लिए भर्ती करने की कोशिश कर रहा है। अमृतसर के पुलिस आयुक्त जीपीएस भुल्लर ने कहा,”ISI पंजाब के युवाओं को बहकाकर देश में अशांति फैलाने की कोशिश कर रहा है, लेकिन हमारी सतर्कता उनकी हर साजिश को नाकाम कर देगी।”
सुरक्षा एजेंसियों में बढ़ी सतर्कता
पंजाब पुलिस और अन्य सुरक्षा एजेंसियां इस मामले में और सख्ती से कार्रवाई कर रही हैं ताकि इस तरह की गतिविधियों पर पूरी तरह लगाम लगाई जा सके। देशवासियों से भी अपील की गई है कि वे किसी भी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी तुरंत पुलिस को दें।