जून 2024 में खत्म हो चुका है नड्डा का कार्यकाल
भारतीय जनता पार्टी के वर्तमान अध्यक्ष जेपी नड्डा (JP Nadda) का कार्यकाल जून 2024 में खत्म हो चुका है। वह एक्सटेंशन पर हैं। नड्डा भाजपा अध्यक्ष होने के साथ-साथ मोदी सरकार में मंत्री भी हैं। एक व्यक्ति एक पद के कारण भाजपा जल्द नया अध्यक्ष चुनने की तैयारी में जुटी है।
बिहार चुनाव में जाने से पहले तय होगा अध्यक्ष
अगस्त महीने में बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर हलचल शुरू हो जाएगी। बीजेपी बिहार चुनाव में जाने से पहले राष्ट्रीय अध्यक्ष चुनना चाहेगी, क्योंकि चुनाव के दौरान विपक्ष के नैरेटिव को ध्वस्त किया जा सके। पार्टी के नेताओं के मुताबिक, दस प्रदेश अध्यक्षों के नाम का ऐलान नहीं हुआ है। इस पर तीव्र गति से काम चल रहा है। माना जा रहा है कि 21 जून तक कई प्रदेशों में नए प्रदेश अध्यक्ष चुन लिए जाएंगे। इसके बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष की चुनाव प्रक्रिया शुरू की जाएगी। चीन के साथ रिश्ते सुधरने की उम्मीद, चीनी उप विदेश मंत्री आएंगे भारत, जानें इसका क्या होगा असर ये नाम हैं रेस में आगे
- शिवराज सिंह चौहान: भाजपा अध्यक्ष पद को लेकर शिवराज सिंह चौहान का नाम सबसे आगे चल रहा है। शिवराज मोदी सरकार में कृषि मंत्री हैं। वह चार बार मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे हैं। वह 6 बार लोकसभा चुनाव जीत चुके हैं। शिवराज का पार्टी संगठन में अच्छी पकड़ मानी जाती है। वह OBC कैटेगरी से आते हैं। RSS के साथ भी शिवराज के अच्छे संबंध हैं।
- सुनील बंसल: सुनील बंसल ने 2014 के लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश के सह प्रभारी और 2017 विधानसभा चुनाव में प्रदेश की जिम्मेदारी संभाली। उन्होंने इन दोनों चुनावों में बीजेपी को कामयाबी दिलाई। ओडिशा, तेलंगाना और बंगाल में पार्टी की कामयाबी का सहरा इनके सिर बंधा। उनकी भी RSS के साथ अच्छी नजदीकी मानी जाती है।
- धर्मेंद्र पधान: धर्मेंद्र प्रधान वर्तमान में केंद्रीय शिक्षा मंत्री है। वह ओडिशा से आते हैं। जहां बीजेपी ने पहली बार अपने दम पर सरकार बनाई है। वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय मंत्री अमित शाह के भरोसेमंद माने जाते हैं। प्रधान OBC समुदाय से आते हैं। उनकी राजनीतिक पृष्ठभूमि ABVP से जुड़ी है।
इनके तीनों के अलावे तमिलनाडु से आने वाली वानति श्रीनिवासन, तमिलिसाई सौंदर्यराजन और आंध्र प्रदेश के पूर्व सीएम व TDP संस्थापक एन.टी. रामाराव (NTR) की बेटी डी. पुरंदेश्वरी का नाम भी भाजपा अध्यक्ष पद के लिए चल रहा है। तीनों महिलाएं दक्षिण से आती हैं। पार्टी दक्षिण में अपनी पैठ बनाने में जुटी हुई हैं।
राजा रघुवंशी मर्डर केस: इन सवालों का अब तक नहीं मिला जवाब, 12 सवालों में छिपा है हत्याकांड का राज तीन साल का होता है अध्यक्ष का कार्यकाल
भाजपा के संविधान के मुताबिक बीजेपी के अध्यक्ष पद का कार्यकाल तीन साल का होता है। एक व्यक्ति दो बार से अधिक पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष नहीं बन सकता है। पार्टी के नए अध्यक्ष के सामने 12 अहम चुनाव हैं। साल 2025 में बिहार विधानसभा चुनाव। 2026 में, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, केरल और असम। 2027 में, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा, मणिपुर, पंजाब, राष्ट्रपति और उप राष्ट्रपति चुनाव में बीजेपी को जीत दिलाने की जिम्मेदारी होगी।
कैसे होता है बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद का चुनाव
बीजेपी के संविधान के मुताबिक पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष वही व्यक्ति बन सकता है, जो कम से कम 15 वर्षों तक पार्टी का सदस्य रहा हो। राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव निर्वाचक मडंल करता है। जिसमें राष्ट्रीय परिषद के सदस्य और प्रदेशों के सदस्य शामिल हैं। निर्वाचक मंडल में से कोई बीस सदस्य राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के चुनाव लड़ने वाले व्यक्ति के नाम का संयुक्त रूप से प्रस्ताव पेश कर सकते हैं। बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव से पहले जिला संगठनों के चुनाव, प्रदेश संगठन और राष्ट्रीय परिषद के चुनाव होते हैं। संगठनात्मक दृष्टि से बीजेपी ने भारत को 36 राज्यों में बांट रखा है। आधे से ज्यााद राज्यों के संगठन के चुनाव हो जाने के बाद ही राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव होता है।