मीडिया से की बातचीत
मीडिया एजेंसी आईएएनएस से बातचीत में सुप्रिया श्रीनेत ने कहा, “भाजपा सांसद के ज्ञान को ठीक करने के लिए बता दूं कि राजीव गांधी ने 6 मार्च 1991 को चंद्रशेखर सरकार से समर्थन वापस ले लिया था। जिस समझौते का वे जिक्र कर रहे हैं, वह अप्रैल 1991 में हुआ था और वह शांति काल के लिए था। इसका मकसद भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य गतिविधियों को लेकर गलतफहमी से बचना था। भाजपा यह मान रही है कि विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भारत-पाक तनाव के बीच पाकिस्तान को जानकारी दी, जैसा राहुल गांधी ने कहा, जो सही है।”
मनगढ़ंत कहानियां बना रही भाजपा
उन्होंने आगे कहा, “जब पहलगाम में आतंकी हमला हुआ और युद्ध जैसे हालात में हमने जवाबी कार्रवाई की, तब विदेश मंत्री जयशंकर ने पाकिस्तान को सूचना दी। भाजपा को मनगढ़ंत कहानियां गढ़ना बंद करना चाहिए, तभी देश की सुरक्षा बेहतर हो सकती है। भाजपा सांसद रोज नई-नई बातें बनाकर अपनी नासमझी दिखा रहे हैं, लेकिन वे जनता को मूर्ख नहीं बना सकते।”
सरकार ने सेना के साथ किया गलत
कांग्रेस नेता अभय दुबे ने कहा, “कोई तर्क आपके गलत कामों को नहीं छिपा सकता। ऑपरेशन सिंदूर की जानकारी पाकिस्तान को क्यों दी गई? सरकार ने न केवल देश, बल्कि सेना के साथ भी गलत किया है।”दरअसल, भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने ‘एक्स’ पर पोस्ट कर कहा था, “राहुल गांधी, यह आपकी बनाई सरकार के समय का समझौता है। 1991 में आपकी पार्टी समर्थित सरकार ने तय किया था कि भारत और पाकिस्तान सैन्य गतिविधियों की जानकारी एक-दूसरे को देंगे। क्या यह समझौता देशद्रोह है? कांग्रेस का हाथ पाकिस्तानी वोट बैंक के साथ है और विदेश मंत्री जयशंकर पर आपकी आपत्तिजनक टिप्पणी शोभा नहीं देती।”